रायपुर. सीएम भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ स्टील री-रोलर्स एसोसिएशन के आयोजन में ऑल इंडिया स्टील कॉन्क्लेव विजन 2030 में पहुंचे हैं. कॉन्क्लेव में देश भर के 800 स्टील कारोबारी मौजूद हैं. जहां सीएम बघेल ने कहा, मैं केंद्र सरकार से मांग करता हूं हमारे उद्योगपतियों को एसईसीएल से कोल लिंकेज मिले. बाहर से जो कोयला आता है, वह 15000 रुपये प्रति टन है और छत्तीसगढ़ में जो कोयला मिलने वाला है वह 6000 प्रति टन है, जिसमें 9000 का गैप है. उससे हमारे उद्योगपति पीछे हो जाते हैं. राज्य सरकार का भी नुकसान हो रहा है. कोयले की पॉलिसी बनी, तब हर 3 साल में रॉयल्टी को डिवाइड करना होता है. लेकिन 2014 के बाद से कोई रिवाइज नहीं हुआ है. नुकसान हमारी राज्य सरकार उठा रही है.

सीएम भूपेश बघेल ने आगे कहा, यह कॉन्क्लेव महत्वपूर्ण है. इसका लाभ छत्तीसगढ़ के स्टील उद्योगपतियों को मिलेगा. विश्व व्यापार में प्रदेश के उद्योगपतियों का योगदान है. छत्तीसगढ़ की उद्योग नीति पूरे देश में सबसे अच्छी है. हमारी नीति से कोई उद्योग घाटे में नहीं गए. कोरोना काल में ऑक्सीजन देने का काम यहां के उद्योगपतियों ने किया. इस दौरान उद्योगों को ऑक्सीजन मिले इसका भी ध्यान रखा गया. हमने बिजली और जमीन में छूट दी, जिससे स्टील सेक्टर में अधिक mou हुए.

सीएम ने आगे कहा, छत्तीसगढ़ के उद्योगपतियों को एसएससीएल से कोल लिंकेज नहीं मिल पाया, यह मेरा काम नहीं है मैं उद्योगपतियों की तरफ से सांसद से प्रार्थना करता हूं कि, कोल लिंकेज तो दे दें हमारे उद्योगपतियों को. छत्तीसगढ़ के उद्योगपतियों को कोल लिंकेज मिलना चाहिए. विदेशों से भी हमारे अतिथि आए हैं. सबसे ज्यादा सड़कें खराब कोयला खदान वाले इलाकों में है. इस मामले में भी मैंने भारत सरकार को पत्र लिखा था, हैवी लोडेड गाड़ियां चलनी है तो जब आप प्रोजेक्ट शुरू करते हैं तो उस प्रोजेक्ट में सड़क को जोड़ देना चाहिए. विदेशों में इस प्रकार की व्यवस्था है. खदान मंत्री और उद्योग मंत्री से मुलाकात हो तो जरूर इस बात को प्रोजेक्ट में लेने की अपील करूंगा.

इसके जवाब में सांसद सुनील सोनी ने कहा, मुख्यमंत्री सार्वजनिक कार्यक्रमों में भाषण में बोलते हैं, मैं भी अपने भाषण में कहने वाला था. लेकिन उद्योग तरफ से लोगों को नुकसान ना हो इसलिए मैंने नहीं कहा. उनको 4 साल से अधिक समय हो गया. आज तक हमारे सांसदों को नहीं बुलाया. हमको बुलाकर कोई प्रस्ताव नहीं दिया. छत्तीसगढ़ की क्या आवश्यकता है इसे लेकर आज तक कोई प्रस्ताव नहीं दिया. सार्वजनिक तौर पर मैंने यह बात कई बार कही है कि, सुनील सोनी बीजेपी का सांसद जरूर है लेकिन छत्तीसगढ़ में पैदा हुआ है. केंद्र की योजना रोकने के लिए मैं सांसद नहीं बना हूं. जब हम वृहद विचार को लेकर चल रहे हैं तो मुख्यमंत्री हमारा सहयोग खुद नहीं चाहते. सार्वजनिक स्थानों पर बयान देते हैं और फिर गुम हो जाते हैं. वह बताएं कि हमने कब सांसदों को बुलाया. इंडस्ट्री वालों को आज मैंने विश्वास दिलाया है मेरे संज्ञान में कोई बात डालते हैं तो सांसद होने के नाते उनकी बात को मैं केंद्रीय मंत्री के पास रखूंगा. बातचीत करूंगा, दबाव बनाकर लाभ मिल सके इसका प्रयास करूंगा.