प्रतीक चौहान. 16 मुर्गे-मुर्गियों की मौत का संदिग्ध मामला कांकेर के चारामा पुलिस के पास पहुंचा है. पीड़ित किसानों का आरोप है कि उनके मुर्गे-मुर्गियों को जहर देकर मार डाला गया.
अब कांकेर पुलिस ने इस मामले में धारा 429 के तहत अपराध दर्ज कर पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है. एफआईआर दर्ज करने की पुष्टि चारामा टीआई नितिन कुमार तिवारी ने लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में की है.
टीआई के मुताबिक दीपक कुमार गवर्ना ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि 3-4 अलग-अलग मुर्गे-मुर्गी के मालिकों के मुर्गे-मुर्गी की संदिग्ध मौत हुई है. उन्हें आशंकार है कि किसी ने जहरीला पदार्थ देकर उन्हें मार डाला. यही कारण है कि उसने न्याय की गुहार लगाते हुए पुलिस से मदद मांगी है.
रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद सभी मुर्गे-मुर्गियों का विधिवत रूप से पोस्टमार्टम कराया गया है. जिसकी रिपोर्ट अगले एक-दो दिनों में आने की उम्मीद है.
8650 रुपए के थे मुर्गे-मुर्गी…
चारामा थाने में दर्ज एफआईआर के मुताबिक गिरवर गोपाल लहरा के खेत में प्रार्थी के 7 मुर्गी एवं मुर्गा , उसके रिश्तेदार प्रताप गवर्ना की 4 नग मुर्गी एवं मुर्गा, सीता राम गवर्ना के 4 मुर्गे, रामसाय कोमरा का 1 मुर्गा था. जिसकी संदिग्ध मौत हुई थी. इन सभी की कुल कीमत पुलिस ने 8650 रुपए आंकी है.
क्या कहती है धारा 429
भारतीय दंड संहिता की धारा 429 के अनुसार, जो भी कोई किसी हाथी, ऊंट, घोड़े, खच्चर, भैंस, सांड़, गाय या बैल या कोई अन्य जानवर को, चाहे उसका कुछ भी मूल्य हो, या पचास रुपए या उससे अधिक मूल्य के किसी भी अन्य जीवजन्तु का वध करने, विष देने, विकलांग करने या निरुपयोगी बनाने द्वारा कुचेष्टा करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास, जिसे पांच वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दण्ड, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा. हालांकि ये धारा जमानतीय है.
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