रायपुर। कोरोना मरीजों को आवश्यक दवा उपलब्ध कराने के लिए स्वदेशी जागरण मंच ने एक अभियान छेड़ा है जिसका नाम युवम है. अभियान के जरिए ऑनलाइन हस्ताक्षर अभियान, वेबीनार, गोष्ठी, प्रदर्शन व सम्पर्क प्रचार की प्रक्रिया जारी है. जिसका उद्देश्य कोविड दवाओं के स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देना है.

स्वदेशी जागरण मंच ने कोविड के टीकों व औषधियों को पेटेंट मुक्त कर दवा उत्पादकों को अनुमति दिए जाने की मांग की है. स्वदेशी जागरण मंच का कहना है कि रेमेडीसविर, फेविरेसीर, टोसीलुजुमाव और अन्य आवश्यक दवाओं के उत्पादन, मोलनुपीरविर जैसी नई दवाओं का भी प्रचुरता से उत्पादन सुनिश्चित किया जाना चाहिए. दवाइयों के पर्याप्त उत्पादन के साथ इनके मूल्यों पर प्रभावी नियंत्रण आवश्यक है.

स्वदेशी जागरण मंच का कहना है कि भारत सहित विश्व की समग्र वयस्क जनसंख्या को टीकाकरण की आवश्यकता है. बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए इनकी प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण की सुविधा और इनके पेटेंट और व्यापार रहस्य सहित बौद्धिक संपदा अधिकार सम्बन्धी बाधाओं को दूर करने के लिए अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर उपाय करने होंगे. वैश्विक सर्वसुलभ वैक्सीन एवं दवाइया अभियान के अंतर्गत देश और विदेश के विविध सामाजिक, संस्कृतिक व सभी प्रकार के संगठनों, शिक्षण संस्थानों, प्रबुद्ध जनों, शिक्षाविदों, न्यायाधीशों और सभी व्यक्तियों से सहयोग लिया जा रहा है. 28 मई 2021 को इस संबंध में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन भारतीय विश्वविद्यालय संघ द्वारा आयोजन किया गया था.

स्वदेशी जागरण मंच की मांगे-

1. विश्व व्यापार संगठन, बौद्धिक संपदा अधिकार के प्रावधानों में छूट दे.
2. वैश्विक दवा निर्माता और वैक्सीन निर्माता कंपनियां स्वेच्छा से, मानवता के लिए अन्य निर्माताओं को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण सहित पेटेंट मुक्त अधिकार है.

3. सरकार पेटेण्ट धारकों से इतर भी अन्य सभी दवा निर्माताओं को वैक्सीन व दवाईया को बनाने का अधिकार, आवश्यक प्रौद्योगिकी व उत्पादन सामग्री की उपलब्धता के लिए सभी आवश्यक कदम उठायें, उन्हें प्रोत्साहन दे.

4. कोरोना के खिलाफ लड़ने के लिए एवं वैक्सीन और दवाओं की वैश्विक उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए, सभी देशभक्त जनता संबंधित व्यक्ति और संगठन बढ़-चढ़कर आगे आएं.

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