जीवन सिरसान, बीजापुर। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) PIU-2 के प्रभारी ईई पर नियम विरुद्ध करोड़ों के भुगतान का आरोप लगा है. मिली जानकारी के अनुसार, पीआईयू -2 में एमपी खरे की पदस्थापना पूर्णक़ालीन ईई के रूप में हुई थी और इन्होंने अपने पदस्थापना के बाद 17 मई 2021 को कार्यभार ग्रहण कर लिया था. बावजूद इसके विभाग में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. एक पूर्णक़ालीन ईई के होते हुए तत्कालीन प्रभारी ईई जितेंद्र कुमार मेश्राम ने पीआईयू-2 के सड़कों का भुगतान कर दिया. जबकि जितेंद्र कुमार मेश्राम सहायक अभियंता ग्रामीण विकास संभाग दुर्ग में कार्यरत है.

सूचना के अधिकार से मिले दस्तावेज में PMGSY पीआईयू-2 में 21 मई 2021 को एक बार, 31 मई को दो बार, 1 जून को एक बार, 2 जून को चार बार, 5 जून को एक बार व 6 जून को दो बार कुल ग्यारह बार ई-भुगतान और एक चेक से भुगतान हुआ है. मीडिया से चर्चा में पीआईयू-1 के ईई बलराम ठाकुर ने कहा कि कलेक्टर बीजापुर की अनुशंसा से मेरे द्वारा ग्यारह बार सड़कों का ई-भुगतान किया गया है.

पीआईयू-2 के ईई एमपी खरे कहते है कि भुगतान जितेंद्र कुमार मेश्राम ने किया. वहीं दूसरी ओर पीआईयू-1 के ईई बलराम ठाकुर कहते है कि उनके द्वारा ग्यारह बार भुगतान किया गया है. एक पूर्णक़ालीन ईई के होते हुए ग्यारह बार ई-भुगतान और एक बार चेक से भुगतान होना और दोनों ईई के बयानों का विरोधाभास होना निश्चित रूप से गड़बड़ी की ओर इंगित करता है जो कि जांच का विषय है.

इस संबंध पीआईयू-2 के ईई एमपी खरे ने बताया कि “जब फ़ुलप्लेस ईई आ जाता है तो प्रभारी ईई का आदेश स्वतः निरस्त हो जाता है, उसके बाद प्रभारी ईई द्वारा चेक काटना विधि संगत नहीं है. जितेंद्र कुमार मेश्राम ने ई-पेमेंट से लगभग चार करोड़ बयालीस लाख और चेक से पैंतीस लाख तैंतीस हज़ार रुपए का भुगतान किया है जो विधिसंगत नहीं है. पूर्णक़ालीन ईई के रहते जितेंद्र कुमार मेश्राम चेक काटने या ई-पेमेंट करने के लिए बिल्कुल भी अधिकृत नहीं है.”

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