बीजापुर. लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने स्वास्थ्य विभाग की टीम मुश्किल हालातों के बीच भी दुर्गम और दूरस्थ अंचलों में पहुंच रही है.बीजापुर जिले के मारूड़बाका उपस्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत आने वाले तीन गांवों लिंगापुर, नेलाकांकेर और मारूड़बाका में कोरोना से बचाव का टीका लगाने स्वास्थ्य विभाग की टीम तीन-तीन नदियों को पार कर पहुंची.

अचानक हुई बारिश के कारण लौटते समय इन तीनों नदियों का जलस्तर सीने तक पहुंच चुका था. स्वास्थ्य विभाग का दल सीने तक भरी नदियों को ग्रामीणों की सहायता से पैदल पार कर वापस पहुंची. सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र उसूर से उपस्वास्थ्य केन्द्र मारूड़बाका की दूरी करीब 30 किलोमीटर है. मारूड़बाका उप स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत 9 आश्रित गांव हैं. ये सभी गांव नदी के दूसरी तरफ हैं और अतिसंवेदनशील क्षेत्र में आते हैं. इनमें से अधिकांश गांवों की उसूर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से दूरी 30-35 किलोमीटर है. दो गांव करीब 50 किलोमीटर दूर हैं.

कोविड वैक्सीनेशन के लिए तीन नदियों राला वागु, इल्का और कोंगा वागु को पार कर लिंगापुर, नेलाकांकेर और मारूड़बाका पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम में ग्रामीण स्वास्थ्य अधिकारी ज्योति सिदार, नागमणी चिलमुल, रमेश गड्डेम और शिक्षक आनंद राव यालम शामिल थे. उसूर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से गांव जाते समय इन नदियों में करीब घुटने तक पानी था. वापसी के समय अचानक बारिश होने के कारण पानी का स्तर बहुत बढ़ गया. कोंगा वागु नदी में छाती तक पानी भरे होने के कारण टीम पार नहीं कर पा रही थी. कुछ समय इंतजार करने के बाद भी नदी का जलस्तर कम नहीं होता देख टीम के सदस्यों ने पास में ही मवेशी चरा रहे लोगों के माध्यम से गांव में खबर भिजवाई.

ग्रामीणों की सहायता से टीम ने सुरक्षित नदी पार किया. कोंगा वागु नदी पार करने के बाद दल को आगे दो और नदियां इल्का और राला वागु भी पैदल पार करना पड़ा. तीनों नदियों को पार कर स्वास्थ्य विभाग की टीम कीचड़युक्त पगडंडी रास्ते से पैदल चलकर भूषापुर से पहाड़ी रास्ते से शाम करीब सात बजे गलगम पहुंची. यहां मोबाइल का नेटवर्क मिलने पर टीम ने सेक्टर प्रभारी हरिशंकर ध्रुव से संपर्क किया. उनके द्वारा एंबुलेंस भेजने के बाद टीम रात आठ बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उसूर पहुंची.