टोमन लाल सिन्हा, मगरलोड।  विकासखंड मगरलोड के धौराभाठा निवासी छविराम नगारची की जमीन पटवारी हल्का नंबर 10 में स्थित है. धमतरी में पैतृक भूमि खसरा नंबर 558 रकबा 0.130 हेक्टेयर भूमि स्थित है. उनकी जमीन बिना रजिस्ट्री, बिना गवाह और न बिक्री नकल है, फिर गैर आदिवासी के नाम पर नामांतरण कर दिया गया है. इस पर पटवारी की मिलीभगत के आरोप लगे हैं.

मामले में पटवारी ने बताया कि उक्त भूमि नामांतरण क्रमांक 35 के आदेश पर 16-11-2019 को नामांतरण गैर आदिवासी उत्तम साहू पिता लक्ष्मण साहू ग्राम धौराभाठा विकासखंड मगरलोड के नाम पर किया गया है. आदिवासी भाई बहनों की पैतृक संयुक्त खाते की भूमि को बिना कलेक्टर अनुमति, बिना रजिस्ट्री, बिना गवाह के गैर आदिवासी उत्तम साहू पिता लक्ष्मण साहू के नाम में होने से किसान छवि राम नगारची परिवार की हालत चिंताजनक हो गई.

पटवारी और राजस्व अधिकारी की मिलीभगत से फर्जी ढंग से कूट रचना कर गोपनीय रूप से जबरदस्ती भूमि को उत्तम साहू पिता लक्ष्मण साहू के नाम पर कर दिया गया. इसके बाद पीड़ित ने तत्काल खसरा नंबर 558 रकबा 0.130 हेक्टेयर की बी 1 एवं नामांतरण निकाल कर 24 मार्च 2021 को धमतरी कलेक्टर पुलिस अधीक्षक अनुसूचित जनजाति थाना धमतरी थाना मगरलोड मे लिखित शिकायत की.

किसान छवि राम नगारची ने बताया हमारे आदिवासी जमीन को बिना कलेक्टर आदेश के बिना गवाह बिना रजिस्ट्री के गैर आदिवासी उत्तम साहू के नाम पर नामांतरण किया गया है. ऐसे किसान एवं इसमें संलिप्त पटवारी और राजस्व अधिकारी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के साथ अधिकारियों को भी पद मुक्त बर्खास्त करनी चाहिए. उन्होंने अपराध दर्ज करने व कानूनी कार्रवाई की मांग किया है. इसकी प्रतिलिपि उन्होंने राजस्व मंत्री ,अनुसूचित जनजाति मंत्री छत्तीसगढ़ शासन प्रभारी मंत्री पुलिस महानिदेशक रायपुर को प्रेषित किया है.

कुछ लोग मामले को दबाने के लिए राजस्व अधिकारी, पटवारी और फर्जी नामांतरण करने वाले किसान का एजेंट के रूप में किसान से मिलकर छविराम नगारची से समझौता कराने की भी बात कर रहे हैं. यह बताना जरूरी है कि आदिवासी छविराम नगारची की जमीन को हड़पने वाले उत्तम साहू पिता लक्ष्मण साहू अपने ही परिवार के लोगों को गवाह बना कर नामांतरण मे सांठगांठ कर आदेश क्रमांक 35 के आधार पर नामांतरण 16 नवंबर 2019 को किया गया है, जबकि अधिकारी को बिक्री करने वाले किसान रजिस्ट्री की कॉपी को देखकर ग्राम पंचायत के वरिष्ठ व्यक्तियों द्वारा पूछताछ करने के बाद ही नामांतरण होनी चाहिए.

पुलिस इस मामले पर तीन महीना शिकायत होने के बाद भी अभी तक कोई  कार्रवाई नहीं की है, जिसकी सर्वत्र चर्चा है. अजाक थाना धमतरी जांच अधिकारी शंकरलाल नवरत्न- मामला राजस्व विभाग का है. उसमें तहसीलदार पटवारी और जमीन लेने वाले फर्जीवाड़ा किए हैं, जो जांच कर एसडीएम साहब आदेश देगा तो हम अपराध कायम करेंगे.

मगरलोड नायब तहसीलदार निवेश कुरेटी ने कहा कि रजिस्ट्री कॉपी देखकर ही नामांतरण करते हैं. पटवारी से बात कर लो कभी सॉफ्टवेयर भी धोखा दे देता है. उत्तम के नाम जमीन दर्ज होने के बाद कैसे वापस दुरुस्त किया यह पटवारी ही बताएंगे.

मगरलोड थाना प्रभारी प्रणाली वैद्य ने कहा कि छवि नगारची द्वारा शिकायत रेवेन्यू संबंधित शिकायत प्राप्त हुई है. जिला मुख्यालय से भी शिकायत प्राप्त हुआ है. शासकीय दस्तावेज रेवेन्यू संबंधी कूट रचना की शिकायत की जांच कर रही है. सही पाई गई तो आईपीसी की धारा 420, 467, 468 लग सकती है. वहीं पटवारी सुरेश कुमार वत्सल से मौखिक जानकारी लेने पर कहा कि मेरे से गलती त्रुटि तो हुई है, धोखा मेरे से हो गया है.