नई दिल्ली। पंजाब कांग्रेस में दो फाड़ की स्थिति निर्मित हो गई है. नवजोत सिंह सिद्धू समेत कई विधायकों ने  मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. अब पार्टी अंतर्कलह निपटाने के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाई है. ये समिति तीन दिन में समस्या का समाधान करेगी.

केंद्रीय आलाकमान ने जो तीन सदस्यों की समिति बनाया है, उसकी अगुवाई हरीश रावत कर रहे हैं. उनके अलावा मल्लिकार्जुन खड़गे और जेपी अग्रवाल भी इसमें हैं. सोमवार की बैठक में दो दर्जन विधायकों के अलावा चरणजीत सिंह चन्नी, सुखजिंदर सिंह रंधावा भी पैनल से मिलेंगे. फिर मंगलवार को नवजोत सिंह सिद्धू, परगट सिंह पैनल से मुलाकात करेंगे.

गठित तीन सदस्यीय समिति ने रविवार को पंजाब के करीब 25 विधायकों-मंत्रियों को दिल्ली बुलाया है. इन सभी के साथ आज बातचीत की जाएगी. अगले दो दिन भी समिति 25-25 नेताओं को दिल्ली बुलाकर उनसे बातचीत करेगी. जिन नेताओं को सोमवार को बुलाया गया है, उनके लिए न्योता पंजाब कांग्रेस कार्यालय की ओर से जारी हुआ और बुलाए गए सभी नेता रविवार शाम नई दिल्ली पहुंच गए हैं.

सिद्धू ने बेअदबी पर घेरा

नवजोत सिद्धू ने ही बेअदबी और कोटकपूरा फायरिंग मामले को लेकर कैप्टन अमरिंदर सिंह के कामकाज पर सबसे पहले सवाल उठाया था. उन्होंने कैप्टन को अयोग्य गृह मंत्री तक कह डाला था. वहीं कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने बेअदबी के मुद्दे पर ही मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान ही मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा थमा दिया था, जिसे कैप्टन ने नामंजूर कर दिया था. नाराज विधायकों-मंत्रियों की लगातार होने वाली बैठकों में चरणजीत सिंह चन्नी भी शामिल रहे हैं, जिनके खिलाफ राज्य महिला आयोग द्वारा अचानक ढाई साल पुराना मी-टू का केस खोलने को लेकर कांग्रेस में विवाद और गहरा गया था.

वहीं ट्विटर पर कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ हमलावर रहे नवजोत सिंह सिद्धू हाईकमान द्वारा कमेटी गठित किए जाने के बाद से शांत हैं. उन्होंने कैप्टन पर निशाना साधते हुए बीते तीन दिन से कोई ट्वीट नहीं किया है.

बता दें कि पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होंगे. इससे पहले कांग्रेस विधायकों ने बागी तेवर अपना लिए हैं, जिसके बाद अब विधायकों को दिल्ली तलब किया गया है.

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