शिवम मिश्रा, रायपुर। रायपुर की केंद्रीय जेल (Raipur Central Jail) से एक चौंकाने वाला सामने आया है, जिसने जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. 302 के मामले में केंद्रीय जेल में बंद विचाराधीन कैदी की मौत हो गई है. आरोप है कि तीन महीने से बीमार चल रहे विचाराधीन कैदी मोहम्मद सदाफ़ को समय पर इलाज नहीं मिला, जिससे उसकी जान चली गई. मामले में परिजनों ने जांच की मांग की है.


मृतक के भाई राजा ने बताया कि पिछले तीन महीने से सदाफ़ की तबीयत खराब थी. उसे सीने में लगातार दर्द की शिकायत रहती थी और वह कई बार जेल प्रशासन से इलाज की गुहार लगाता रहा. राजा ने आरोप लगाया कि हमने कई बार जेलर से मिलकर इलाज की मांग की, लेकिन सिर्फ गैस की दवा देकर टाल दिया गया. उसे मेकाहारा जैसे बड़े अस्पताल में इलाज की जरूरत थी, लेकिन जेल प्रशासन ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई.
परिजनों का कहना है कि अगर समय रहते उचित इलाज मिलता, तो मोहम्मद सदाफ़ की जान बचाई जा सकती थी. फिलहाल, जेल प्रशासन ने मृतक के शव को परिजन को सौंप दिया है.
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