रायपुर. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने प्रदेश के दूरस्थ वनांचल में स्थित सुकमा जिला अस्पताल को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाओं के लिए राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS – National Quality Assurance Standard) प्रमाण पत्र दिया. साथ ही बेहतर प्रसूति सुविधाओं के लिए लक्ष्य (LaQshya) प्रमाण पत्र से नवाजा है.

बस्तर अंचल में ही स्थित देश के पहले हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बीजापुर जिले के जांगला को भी गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के लिए राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है. पांच साल पहले इस हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का शुभारंभ किया गया था.

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य के सात शासकीय अस्पतालों को एनक्यूएएस प्रमाण पत्र प्रदान किया है. इनमें तीन जिला चिकित्सालय, दो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, एक शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और एक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर शामिल है. स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने इस वर्ष जनवरी से अप्रैल माह के बीच इन अस्पतालों का निरीक्षण कर मरीजों के लिए उपलब्ध सेवाओं की गुणवत्ता का परीक्षण किया था. टीम ने इस संबंध में मरीजों से भी फीडबैक लिया था.

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ‘मुस्कान’ कार्यक्रम के अंतर्गत कवर्धा जिला चिकित्सालय और ‘एनक्यूएएस’ कार्यक्रम के तहत दुर्ग जिला चिकित्सालय को भी राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र जारी किया है. मुंगेली जिले के खपरीकला प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और गरियाबंद के खड़मा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के साथ बिलासपुर के राजकिशोर नगर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को भी यह प्रमाण पत्र जारी किया गया है.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने समर्पित स्वास्थ्य सेवाओं के लिए उत्कृष्टता प्रमाण पत्र हासिल करने वाले इन सभी अस्पतालों के डॉक्टरों और अन्य मेडिकल स्टॉफ को बधाई दी है. उन्होंने भरोसा जताया है कि ये अस्पताल आगे भी अपनी उत्कृष्टता बरकरार रखते हुए मरीजों की सेवा करेंगे और प्रदेश के दूसरे अस्पतालों के लिए नए प्रतिमान स्थापित करेंगे. सुकमा और बीजापुर जैसे दूरस्थ अंचलों में स्थित शासकीय अस्पतालों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र और लक्ष्य प्रमाण पत्र मिलना इस बात का संकेत है कि राज्य में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं सभी क्षेत्रों तक पहुंच रही हैं.

सुकमा जिला चिकित्सालय को ‘एनक्यूएएस’ कार्यक्रम के अंतर्गत स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम के मूल्यांकन में 93 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए हैं. वहीं ‘लक्ष्य’ कार्यक्रम के तहत लेबर रूम के मूल्यांकन में 93 प्रतिशत और मैटरनिटी ओटी के मूल्यांकन में 87 प्रतिशत अंक मिले हैं.

जांगला हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को 80 प्रतिशत, खपरीकला प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को 81 प्रतिशत, खड़मा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को 84 प्रतिशत और राजकिशोर नगर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को 85 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम के मूल्यांकन में दुर्ग जिला अस्पताल ने 88 प्रतिशत और कवर्धा जिला अस्पताल ने 93 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं.

राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र प्रदान करने के पूर्व भारत सरकार के विशेषज्ञों की टीम के जरिये अस्पताल की सेवाओं और संतुष्टि स्तर का विभिन्न मानकों पर परीक्षण किया जाता है. इनमें उपलब्ध सेवाएं, मरीजों के अधिकार, इनपुट, सपोर्ट सर्विसेस, क्लिनिकल सर्विसेस, इन्फेक्शन कंट्रोल, गुणवत्ता प्रबंधन और आउटकम जैसे पैरामीटर शामिल हैं. इन कड़े मानकों पर खरा उतरने वाले अस्पतालों को ही केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से गुणवत्ता प्रमाण-पत्र जारी किया जाता है.

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