बलौदाबाजार। कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने आंगनबाड़ी केन्द्रों पर रिक्त पदों की भर्ती जल्द करने के निर्देश दिए हैं. बताया गया कि जिले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के 110 और सहायिका के 223 पद फिलहाल रिक्त हैं. इनमें भर्ती की प्रक्रिया जारी है.
कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास विभाग को आपसी तालमेल एवं मिल जुलकर काम करने को कहा है. उन्होंने कहा कि महिलाओं एवं बच्चों को सुपोषित एवं स्वस्थ बनाये रखना दोनों विभाग की संयुक्त जिम्मेदारी है. लिहाजा ग्रामीण स्तर पर आपसी समन्वय के साथ काम करने की सख्त जरूरत है. कलेक्टर ने आज जिला पंचायत के सभाकक्ष में महिला एवं बाल विकास विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग के काम-काज की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक को सम्बोधित कर रहे थे.
उन्होंने दो पालियों में दोनों विभाग के जिलास्तरीय, विकासखण्ड एवं सेक्टर स्तर के अधिकारियों की बैठक में योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की है. बैठक में जिला पंचायत सीईओ डाॅ. फरिहा आलम सिद्धिकी, संयुक्त कलेक्टर एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी टेकचन्द्र अग्रवाल, सीएमएचओ डाॅ.खेमराज सोनवानी, जिला कार्यक्रम अधिकारी एल.आर.कच्छप, सिविल सर्जन डाॅ.राजेश अवस्थी उपस्थित थे.
कलेक्टर जैन ने कहा कि ग्रामीण महिलाओं में कुपोषण एक बड़ी समस्या है. इसे दूर करना हमारी जिम्मेदारी है. उन्होंने अगले दो महीने में इसका विस्तृत सर्वे कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने कहा है. रिपोर्ट में इसे दूर करने के लिए प्रभावी डाईट चार्ट भी सुझाएं ताकि मुख्यमंत्री सुपोषण चैपाल के जरिये उन्हें सुपोषित किया जा सके. पहले चरण में अभियान के अंतर्गत अच्छे परिणाम आए हैं.
कलेक्टर ने कहा कि कुपोषण के विरूद्ध चैतरफा हमले की जरूरत है. जिला पुनर्वास केन्द्र (एनआरसी) का भी भरपूर उपयोग किया जाएगा. कोरोना काल में ये केन्द्र अधिकांश खाली हो गई थी. फिलहाल पलारी एवं कसडोल में एनआरसी केन्द्र संचालित हैं. दोनों केन्द्र मिलाकर मात्र 20 बेड की सुविधा है. कलेक्टर ने प्रत्येक विकासखण्ड के लिए अलग से एनआरसी केन्द्र खोलने के लिए प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजने के निर्देश दिए. अधिकारियों ने बताया कि जिले में फिलहाल 5 हजार 852 बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित पाये गए हैं.
बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी एल.आर कच्छप ने बताया कि 289 आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए शौचालय निर्माण की स्वीकृति मिली है. प्रति शौचालय 30 हजार रूपये की राशि स्वीकृत की गई है. ग्राम पंचायत के जरिये इनका निर्माण कराया जाएगा. कलेक्टर ने कहा कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अंतर्गत प्रथम प्रसव पर महिलाओं को तीन किश्तों में 5 हजार रूपये की राशि प्रदान की जाती है. मुख्य रूप से यह शिशुवती माताओं के संतुलित भोजन के लिए होता है. उन्होंने कहा कि मैदानी कार्यकर्ता एवं मितानीन देखें कि इनका सही इस्तेमाल होने चाहिए.
उन्होंने सेक्टर एवं ग्रामीण स्तर तक स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग के योजनाओं की गहन समीक्षा की. बेहतर काम करने वाले कर्मचारियों को शाबाशी देने के साथ लापरवाह किस्म के कर्मचारियों को फटकार भी लगाई. उन्होंने लापरवाह किस्म के अधिकारी-कर्मचारियों को 15 दिवस में अपने काम में सुधार लाने की सख्त हिदायत भी दी. कलेक्टर ने गर्भवती माताओं के शतप्रतिशत पंजीयन एवं संस्थागत प्रसव पर जोर दिया. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि जिले में 2 लाख से ज्यादा कोरोना की जांच हो चुकी है. इनमें 9845 पाॅजीटिव प्रकरण सामने आये हैं.