रायपुर। हिस्ट्रीशीटर एवं सूदखोर रोहित तोमर, वीरेंद्र तोमर से पीड़ित लोगों ने राजधानी में बैठक की और रोहित-वीरेंद्र तोमर परिवार पीड़ित संघ बनाया। बैठक में पीड़ितों ने न्याय पाने के लिए अब अपनी लड़ाई एकजुटता के साथ लड़ने का निर्णय लिया। सदस्यों ने कहा, रोहित-वीरेंद्र तोमर परिवार पीड़ित संघ में तोमर बंधु से पीड़ित सभी लोगों को जोड़ा जाएगा। अब हमारी न्याय की लड़ाई इसी संघ के बैनर तले लड़ी जाएगी।

रोहित-वीरेंद्र तोमर परिवार पीड़ित संघ ने कहा, हम सभी इस बात से एकमत हुए हैं कि हमें परेशान करने, आर्थिक नुकसान पहुंचाने और ब्लैकमेल करने, मानसिक रूप से परेशान करने वाला एक व्यक्ति जेल में है और दूसरा फरार है, परंतु उनके परिवार और कथित क्षत्रिय राजपूत समाज के नेता डॉ. राज शेखावत आदि छत्तीसगढ़ आकर उनके कृत्य को जायज ठहराते हुए हम पर अनैतिक दबाव बनाने का प्रयत्न कर रहे हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से डराने की निरंतर कोशिश हो रही है। ऐसे में हम सभी पीड़ित लोगों ने अब अपनी लड़ाई एकजुटता के साथ लड़ने का निर्णय लिया है।

तोमर बंधुओं के खिलाफ गंभीर धाराओं के तहत दर्ज हैं मामले

वीरेंद्र और रोहित तोमर के खिलाफ पुरानी बस्ती थाना में भारतीय दंड संहिता की धारा 308(2), 111(1) और छत्तीसगढ़ ऋणियों संरक्षण अधिनियम की धारा 04 के तहत मामला दर्ज है। दोनों आरोपी 5 जून 2025 को यह अपराध घटित कर फरार हो गए थे। इसके से वीरेंद्र तोमर को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस रोहित तोमर की तलाश में जुटी है।

अंडे के ठेले से करोड़ों तक का सफर

वीरेंद्र तोमर समता कालोनी में 2008 में अंडे का ठेला लगाता था। वहीं से उसने ब्याज में पैसा देने की शुरुआत की। पहले 500 हजार रुपये दिया करता था। दो तीन साल बाद उसने सूदखोरी को धंधा बना लिया। लोगों को पैसे देकर 10 से 15 प्रतिशत ब्याज वसूलने लगा। नहीं देने पर मारपीट, अपहरण सहित अन्य वारदात करता था। देखते ही देखते उसने भाठागांव में करोड़ों की हवेली खड़ी कर ली। तोमर बंधुओं का करोड़ों की संपत्ति, बीएमडब्ल्यू जैसी लग्जरी गाड़ियां, 5,000 वर्गफीट की आलीशान कोठी, लाखों की नकदी, सोना और अवैध हथियारों तक का सफर न केवल चौंकाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कुछ रसूखदार लोगों की मेहरबानी और प्रशासनिक लापरवाही ने इस आपराधिक गतिविधियों को पनपने का मौका दिया।

तोमर बंधुओं का आपराधिक इतिहास

वीरेंद्र सिंह तोमर और रोहित सिंह तोमर मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। रायपुर में पिछले कुछ वर्षों में दोनों भाई अपराध की दुनिया के बड़े चेहरों के रूप में उभरे। दोनों भाइयों के खिलाफ मारपीट, ब्लैकमेलिंग, रंगदारी, और खारून नदी के घाट पर अवैध कब्जे जैसे गंभीर अपराधों के 10 से अधिक मामले दर्ज हैं। उनकी शुरुआत रेलवे स्टेशन पर पॉकेटमारी जैसे छोटे अपराधों से हुई थी, लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने सूदखोरी, रंगदारी, और अवैध हथियारों के कारोबार में अपनी पकड़ मजबूत की।

अपराध जगत से ऐसे बनाया अकूत संपत्ति

छोटे स्तर के अपराधों से शुरुआत करने वाले इन भाइयों ने न केवल रायपुर में अपनी जड़ें जमाईं, बल्कि सूदखोरी और रंगदारी के जरिए करोड़ों की संपत्ति अर्जित की। उनकी आलीशान कोठी, महंगी गाड़ियां और भारी मात्रा में नकदी और सोने की बरामदगी इस बात का सबूत है कि अपराध का उनका नेटवर्क कितना संगठित और व्यापक हो चुका था। यह सवाल उठता है कि इतने बड़े स्तर पर आपराधिक गतिविधियां चलाने के बावजूद वे इतने समय तक कानून की पकड़ से बाहर कैसे रहे?

ताेमर बंधुओं के ठिकाने से ये हो चुके हैं जब्त

  • नकद राशि- 35,10,300
  • सोने के आभूषण- 734 ग्राम
  • चांदी के आभूषण- 125 ग्राम
  • लक्जरी वाहन- बीएमडब्ल्यू, थार, ब्रेजा।
  • इलेक्ट्रानिक सामान- लैपटाप, आइपैड, सीपीयू, डीवीआर, चेकबुक, एटीएम कार्ड, नोट गिनने की मशीन
  • दस्तावेज- जमीन की रजिस्ट्री, ई-स्टांप, लेन-देन का रजिस्टर
  • अवैध हथियार- एक रिवाल्वर, एक पिस्टल, पांच तलवार, जिंदा और आवाजी कारतूस।

शहर के अलग-अलग थानों में रोहित के खिलाफ दर्ज मामले

  • एक महिला ने 2015 में पुरानी बस्ती थाना में कर्ज नहीं चुकाने पर अप्राकृतिक कृत्य करने की रिपोर्ट दर्ज कराई है।
  • एक युवक ने 2016 में पुरानी बस्ती थाना में मारपीट की रिपोर्ट दर्ज कराई है।
  • कारोबारी को पैसा वसूलने जान से मारने की दी थी धमकी। कोतवाली में एफआइआर।
  • भाठागांव की एक महिला ने मारपीट और जान से मारने की 2017 में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
  • भाठागांव की महिला ने 2018 में पुरानी बस्ती थाना में ब्लैकमेलिंग की रिपोर्ट दर्ज कराई है।
  • कोतवाली थाना में एक महिला ने 2019 में सूदखोरी और ब्लैकमेलिंग की रिपोर्ट दर्ज कराई है।
  • कबीर नगर के कारोबारी ने 2019 में ब्लैकमेलिंग-सूदखोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई है।
  • अमलीडीह के एक व्यक्ति ने मारपीट और गाली गलौज की रिपोर्ट करायी दर्ज।
  • वीआइपी रोड की होटल में पार्टी के दौरान जान लेवा हमला करने का केस दर्ज है।

वीरेंद्र तोमर के खिलाफ दर्ज मामले

  • आजाद चौक थाने में 2006 में कारोबारी ने चाकू से हमले का केस दर्ज कराया।
  • गुढियारी में कारोबारी ने 2010 में पैसों के लिए परेशान करने और मारपीट का केस दर्ज।
  • 2013 में हत्या का केस दर्ज।
  • 2016 में पुरानी बस्ती थाने में मारपीट का केस।
  • भाठागांव की एक महिला ने मारपीट और जान से मारने की 2017 में रिपोर्ट दर्ज।
  • पुरानी बस्ती पुलिस ने 2019 में धोखाधड़ी और कूटरचना का केस दर्ज किया।
  • हलवाई लाइन के कारोबारी ने 2019 में ब्लैकमेलिंग का केस दर्ज।