वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर. मस्तूरी ब्लॉक के शासकीय प्राथमिक शाला सोन में पढ़ने वाले दस-बारह साल के स्कूली बच्चों का एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें स्कूली बच्चे साइकिल से मध्याह्न भोजन का चावल सोसाइटी से स्कूल लाते हुए दिखाई दे रहे हैं. सोशल मीडिया में बच्चों का एक ऑडियो भी वायरल हुआ है. जिसमें बच्चों ने आरोप लगाया है कि स्कूल प्रधान पाठक पुष्पा मैडम उनसे सोसाइटी से स्कूल तक चावल लाने के लिए कहती हैं. इसके लिए पैसा भी देती हैं. ऐसा करने से मना करने पर पुष्पा मैडम उन्हें मारती हैं. इस मामले में डीईओ ने जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है.
वहीं इस मामले में स्कूल की प्रधान पाठक पुष्पा साहू ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि वे कभी भी बच्चों से चावल लाने के लिए नहीं कहतीं, बल्कि वो खुद प्यून को लेकर चावल लेने जाती हैं. उन्होंने कहा कि उनके कुछ स्टाफ जानबूझकर इस तरह के वीडियो बनाकर वायरल कर रहे हैं, ताकि उन्हें स्कूल से हटा दिया जाए. बीते 15 अगस्त को पंचायत स्तर पर एक बैठक हुई थी, जिसमें एक शिक्षिका ने खुद प्राचार्य पद संभालने का प्रस्ताव रखा था. लेकिन बीईओ ने कह दिया कि वरिष्ठ के रहते हुए कनिष्ठ को प्राचार्य नहीं बना सकते. इसके बाद से तरह-तरह के आरोप लगाते हुए वीडियो बनाए जा रहे हैं.
इस मामले में बिलासपुर के जिला शिक्षा अधिकारी टी आर साहू का कहना है, कि मस्तूरी के प्राथमिक शाला सोन से पहले भी इस तरह की शिकायत आई थी. जिसकी बीईओ से जांच कराते हुए हेडमास्टर को नोटिस जारी किया गया था. इस वायरल वीडियो की जांच कराई जाएगी. यदि इस तरह का मामला फिर से आया तो शिक्षक और प्रधान पाठक दोनों पर कार्रवाई की जाएगी.
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