रायपुर. धान ख़रीदी समितियों और मिलर्स को शासन द्वारा भुगतान किए जाने का मामला विधानसभा बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने पूछा.

इसके जवाब में खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने अपने जवाब में कहा कि- शासन स्तर पर मंत्रिमंडल की एक सब कमेटी बनाई गई है.

शिवरतन शर्मा ने पूछा- क्या केंद्र सरकार के निर्देश पर यह कमेटी बनाई गई है?

अमरजीत भगत ने कहा कि- जो भी राज्य सरकार एमएसपी पर धान ख़रीदी करती है वह केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन करती है.

शिवरतन शर्मा ने पूछा- समिति के कमीशन का भुगतान हुआ है?

मंत्री ने अपने जवाब में कहा कि – 2019- 20 के लिए समिति के कमीशन का 262 करोड़ 80 लाख और लेबर 80 करोड़ का भुगतान किया गया.

शिवरतन शर्मा ने पूछा- इसी विधानसभा में मंत्री ने स्वीकार किया है कि 2019-20 में 44 हज़ार टन लॉस हुआ है.कितने  मिलर्स को प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया गया है ?

मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि मिलर्स को 630 करोड़ का भुगतान होना है. 430 करोड़ का भुगतान हो चुका है. जैसे जैसे बिल आ रहे हैं उनका मिलान कर भुगतान किया जा रहा है.

बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने पूछा कि- एक क्विंटल चावल के पीछे प्रासंगिक व्यय कितना होता है? मिलर्स को भुगतान के पीछे देरी होने की वजह यही है?

अमरजीत भगत ने कहा- 9 रुपए प्रासंगिक व्यय है.

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा- मंत्री ग़लत जवाब दे रहे है. मैंने पूछा है कि प्रति क्विंटल प्रासंगिक व्यय कितना आता है.