जितेंद्र सिन्हा, राजिम. फिंगेश्वर के लोहरसी हाईस्कूल इन दिनों सुर्खियों में है. यहां स्कूली बच्चों के बीच मामूली विवाद में दो गुटों में जमकर मारपीट मामले में लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों पर अब तक कार्यवाही नहीं हो पाई है. वहीं ग्रामीणों ने स्कूल में प्राचार्य द्वारा ही दीवान पलंग चोरी करने का आरोप लगाया है.
ग्रामीणों के माने तो विगत दो वर्ष कोरोना महामारी के चलते शासन-प्रशासन ने शासकीय स्कूलों को बंद रखने सख्ति से निर्देश जारी किए थे. इस दरमियान आपदा को अवसर बनाकर स्कूल के प्राचार्य केएल कंवर ने स्कूल में रखे दीवान पलंग को अपने घर लाकर रख लिया. इतना ही नहीं वहां सरकारी आवंटन से प्राप्त पुस्तके व उत्तर पुस्तिकाओं को भी 5000 रुपए में बेचे जाने का आरोप ग्रामीणों ने लगाया है.
मामला जनभगीदारी समिति के सदस्यों के संज्ञान में आने पर उन्होंने स्कूल के प्राचार्य से दीवान के बारे में जानकारी ली तो उन्होंने अपने घर ले जाना कबूल किया और दीवान पलंग के एवज में नगदी 8000 रुपए व स्कूल के पुस्तक काॅपी बेचने का 5000 रुपए शाला समिति के खाते में जमा करने की बात कही. वहीं उक्त रकम आज तक स्कूल के खाते में जमा हुई की नही, यह किसी के जानकारी में नहीं है, क्योंकि स्कूल के सभी दस्तावेज प्राचार्य खुद अपने पास रखकर खुद लिखा पड़ी करते हैं.
इस मामले की जानकारी लेने आज लल्लूराम डाॅट काॅम के प्रतिनिधि स्कूल पहुंचे तो प्राचार्य नदारत मिले. मौके पर उपस्थित शिक्षकों ने तबियत खराब होने को लेकर शाला नहीं आने का व्हाट्सएप में मिला आवेदन दिखाया. वहीं पंजी में 2 बजे तक किसी प्रकार से उल्लेख नहीं किया गया था. एक दिन का सीएल शिक्षकों ने मीडिया के सामने ही रजिस्टर में लिखा. इससे साफ जाहिर होता है कि स्कूल में प्रिंसिपल व शिक्षकों की मिलीभगत से बच्चो के भविष्य के साथ कैसा खिलवाड़ किया जा रहा है.
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