रायपुर। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्यों मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र सहित देश के 12 राज्यो में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट के मरीज पाए जाने पर गहरी चिंता जताई है. उन्होंने प्रदेश सरकार से इस दिशा में बजाय ज़ुबानी जमा-ख़र्च के ज़मीनी स्तर पर युद्धस्तर पर काम करने को कहा है. साय ने चेताया कि अभी से इस दिशा में प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस के रोकथाम की पुख़्ता व्यवस्था नहीं की तो छत्तीसगढ़ के हालात गंभीर होंगे और उसके लिए सिर्फ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी राज्य सरकार ही ज़िम्मेदार होगी.

विष्णुदेव साय ने कहा कि डेल्टा प्लस वेरिएंट के संक्रमण की आशंकाओं के मद्देनज़र मुख्यमंत्री बघेल का महज़ यह कह देना पर्याप्त नहीं है कि अधिकारियों के अलर्ट कर दिया गया है. जानकारों ने जब इस वायरस को इतना भयावह माना है कि यह 30 सेकंड में किसी को संक्रमित कर सकता है और यह पहले की तुलना में घातक हो सकता है, तब मुख्यमंत्री बघेल इसकी रोकथाम के लिए अभी से इस दिशा में ठोस पहल करने के बजाय इसे हल्के में ले रहे हैं.

साय ने कहा कि प्रदेश में अनलॉक होने के साथ साथ कई राज्यो के लोग छतीसगढ़ आ रहे है. प्रदेश सरकार बताए कि प्रदेश में हवाई, रेल और बस यात्रा करके कितने लोग छत्तीसगढ़ में आ रहे हैं और अन्य प्रदेशों के कितने लोग यहाँ आकर रुके है?

साय निम्न बातों की तरफ सरकार का ध्यान आकर्षित किया है-

1. रेलवे स्टेशन से आने वाले यात्रियों की जांच को लेकर लापरवाही बरती जा रही है न ही उनसे 72 घण्टे पहले की रिपोर्ट मांगी जा रही है.
ऐसे में अन्य प्रदेशों से कोई भी डेल्टा प्लस वायरस संक्रमित प्रदेश में इसे फैला सकता है.
2. निजी व सरकारी बसों से आने वाले यात्रियो पर भी चेकिंग और कोरोना से संबंधित नियमो का पालन कागजो तक सीमित है.

3.निजी वाहनों से छतीसगढ़ प्रवेश करने पर कोई जांच या अन्य सुरक्षा के उपायों का पालन नहीं किया जा रहा.

4.अन्य प्रदेशों से माल लेकर आने वाले वाहन प्रतिदिन हजारों की संख्या में प्रदेश में आ रहे है सरकार उनके चालको की जांच व अन्य चीज़ों के लिए भी निष्क्रिय है.

साय ने कहा कुल मिलाकर सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठ गयी है व कोरोना की रोकथाम को लेकर पूरी तरह से सुस्त रवैया अपनाए हुए है जो प्रदेश वासियो के लिए घातक हो सकता है.

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