कवर्धा. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से गुरुवार को कवर्धा के शासकीय स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल की दो बच्ची ने जब अंग्रेजी में फर्राटेदार बात की तो सब रह गए दंग रह गए. कक्षा आठवीं की काजल रामपुरीक और कक्षा सातवी की बृदूला श्रीवास ने इग्लिश में बात कर सबको आश्चर्य चकित कर दिया.
उन्होने बताया कि हमें इस सरकारी स्कूल में सबसे अच्छे प्राइवेट स्कूल की तरह सभी सुविधाएं मिल रही है. अच्छे टीचर मिले है. स्कूल का वातावरण भी बहुत अच्छा है. बहुत जल्द ही हमें भी सर्वसुविधा युक्त सरकारी स्कूल भवन मिल जाएंगे. फर्राटेदार अंग्रेजी में बोल कर सभा कक्ष में उपस्थित सभी अतिथियों को हैरान कर दिए. मुख्यमंत्री बघेल ने इन बच्चों की तारीफ की. दरअसल कवर्धा में सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूल का यह दूसरा सत्र है. कवर्धा में कक्षा पहली से हायर सेकेंडरी तक स्कूल का संचालन हो रहा है. कवर्धा के इस अंग्रेजी सरकारी स्कूल में 681 विद्यार्थी अध्यनरत है.
मुख्यमंत्री बघेल ने गुरुवार को जिले के बोडला, पंडरिया, सहसपुर लोहारा विकासखण्ड मुख्याल में तीन और नए स्वामी आत्मानंद स्कूल भवन के लिए वीडियो कांफ्रेसिं के माध्मम से भूमिपूजन किया. तीनों विकासखण्ड मुख्यालय के लिए 2 करोड 50 लाख रूपए का भवन तैयार किया जाएगा. मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज कबीरधाम जिले के लिए 224 करोड़ 74 लाख रूपए के 754 कार्यों को भूमिपूजन और लोकार्पण किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री बघेल ने कबीरधाम जिले में राज्य सरकार की प्राथमिकता वाले योजना राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गौधन योजना, नरवा उन्नयन से लाभान्वित हितग्राहियों, मुख्यमंत्री वृक्षारोपण योजना, तेन्दूपत्ता एवं लघुवनोपज, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के क्रियान्वयन की जानकारी ली और इन योजनाओं से लाभान्वित हितग्राहियों से सीधे वनटूवन बात कर जमीनी हकीकत भी जाना.
नरवा उन्नयन से लभान्वित हितग्राही नरोधी के भीखूराम साहू ने बताया कि नवरा योजना से नर्मदा नाला में अच्छा काम हुआ. पहले साल भर बरसात के बाद सुखा रहता था. नरवा की सफाई और गहरी करने करने से अब पर्याप्त पानी भरा रहता है. इससे नाला के आपास के गांव के किसान दोहरी फसल ले रहे है. उन्होंने बताया कि वह धान, गेहू और चना का फसल किया है. उनके पास बोरवेल भी नहीं है. नाले के पानी से सिचाई होती है.
गोधन योजना से लाभान्वित हितग्राही पुनित साहू ने बताया कि गोबर बेच कर एक लाख 35 हजार रुपए की आमदानी कर ली है. इस पैसे से उन्होंने अपने परिवार के लिए मोटर साइकिल लिया. मकान भी बनवाए है. दयालू साहू ने बताया कि गौधन न्याय योजना से वह खाद खरीद कर सब्जियों की जैविक खेती कर अपनी आमदनी में वृद्धि कर रहे है. उन्होने सीएम को बताया कि आय में वृद्धि के साथ-साथ उनके सब्जियों में गुणवत्ता में बढ़ौतरी हुई है. जैविक सब्जी होने के कारण उनका पूरा फसल आसानी से बिक जाता है. उन्होने कहा कि जैविक खाद का असर खेतों में लम्बे अवधि के लिए रहता है, इससे खेती में लागत कम होती है. रासायनिक खाद के तुलना में जैविक खाद का मुल्य बहुत कम और ज्यादा असरदार है. सभी किसानों को जैविक खेती को ओर आगे बढ़ना चाहिए. बतादे की इस योजना से कबीरधाम जिले मे अब तक 1 लाख 72 हजार क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है. 31 मई 2021 तक 3 करोड़ 44 लाख रुपए गोबर विक्रेता को भुगतान किया गया है.
राजीव गांधी किसान न्याय योजना के लाभान्वित हितग्राही नजेमुद्दीन शेख ने बताया कि 20 एकड हैं. तीन सौ क्विंटल धान उन्होने शासकीय दर में समिति में बेचा. राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत उन्हे 50 हजार रूपए पहली किस्त मिली है. अदिती कश्यप ने बताया कि यह योजना किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है. उन्हे इस योजना का पूरा लाभ मिल रहा है. उन्होंने बताया कि 15 एकड़ में धान की श्री विधी से खेती कर रही है. धान के साथ-साथ खेत में मेड में अपनी आय बढ़ाने के लिए फलदार वृक्ष आम, नींबू, अमरूद, नारियल, कटहल, के कूल 80 पौधे लगाए है. जिससे उन्हें प्रतिदिन वर्तमान में तीन से चार हजार रुपए की आमदनी हो रही है. उन्होने बताया कि किसानों के आय और उन्हें सक्षम बनाने के लिए गोधन न्याय योजना बहुत अच्छी है. उन्होने जैविक खेती करने के लिए गौठान से 26 क्विंटल की खरीदी की है. जैविक खेती से उनके धान, गेहू, चना, मक्का और फलदार वृक्षों के फल में गुणवत्ता और उत्पादन में वृद्धि हुई है. जैविक खेती करने से उनके खेत तक बाजार आ गई है. उन्होने समाने बेचेने के लिए बाजार नहीं जाना पड़ता.
गन्ना उत्पादक किसान शिव कुमार चन्द्रवशी ने बताया कि साढे चार एकड़ में गन्ना का फसल लिया है. प्रति एकड 60 से 70 हजार रूपए की आमदनी हुई है. इस योजना के तहत कबीरधाम जिले के 95 हजार 929 किसानों के बैंक खाते में खरीफ सीजन 2020-21 की पहली किस्त की राशि 64 करोड़ रूपए अंतरित कर लाभान्वित किया गया. मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना का क्रियान्वयन जिले में शुरू हो गई है. जिले के लामू राम धुर्वे, सुरेश चन्द्रवंशी ने मुख्यमंत्री को बताया कि वह इस बार धान के बदले अपने अपने खेत में इमारती और फलदार पौधों का रोपण करेंगे. बता दें कि इस योजना के तहत कबीरधाम जिले में अब तक 77 किसानों द्वारा 102 एकड़ निजी भूमि पर, पंचायतों द्वारा सामुदायिक भूमि पर 327 एकड़ में 204 स्थलों पर तथा संयुक्त वन प्रबंधन समितियों द्वारा 200 एकड़ रकबा में 42 स्थलों पर इस वर्षा ऋतु में फलदार तथा ईमारती लकड़ी की प्रजातियों के पौधों का वृक्षारोपण किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री बघेल ने कुपोषण से जंग जीत चुके जिले के शेलेन्द्र और खुशी से सीधे बात की. इन बच्चों के माताओं से मुख्यमंत्री ने चर्चा करते हुए पुछा की उन्होने कैसे कम समय में कुपोषण से अपने बच्चों को समान्य स्थिति में लाया. खुशी की मां पार्वती ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनके बेटे कुपोषण के शिकार हो गए है तो वह बहुत परेशान रहती थी, लेकिन महिला एवं बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग के सहयोग उनके बेटी को महज चार माह में समान्य स्थिति में लाया गया. उन्होने पोषण अहार और रेडीटूईट तथा स्वास्थ्य विभाग से दवाईयां भी मिली. तेंदूपत्ता और लघुवनोपज के हितग्राही झाम सिंह बैंगा, संगीता धुर्वें ने सीएम को बताया कि लघुवनोपज और तेंदूपत्ता से उनके परिवार की आमदनी बढ़ी है. उनके समूह ने 7लाख 25 हजार रुपए की सराईबीच की खरीदी कर वनधन केंद्र में विक्रय किया. इससे समूह को बहुत अच्छा लाभ मिला.
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आजीविका केंद्र के अंदर समूह द्वारा प्रिटिंग प्रेस के कार्य करने वाली गौरी कृपा के सौमी श्रीवास ने बताया कि प्रिंटिंग प्रेस के कार्य में महिला समूह द्वारा 3 लाख 40 हजार रुपए की आमदनी अर्जित की गई है. इस केंद्र में मसाला उत्पादन, क्लीनिंग एजेंट, आचार, पापड़ निर्माण, साबुन निर्माण, दोना पत्तल निर्माण आदि के व्यवसाय से जुड़ी हैं. केंद्र के बाहर 5 महिला समूह कम्युनिटी फार्मिंग का कार्य कर रही है, जिसमें लौकी, भिंडी, बरबट्टी, चिकनी तोरई, बैगन, टमाटर, मिर्ची, धनिया, कद्दू और अन्य सब्जियों का उत्पादन कर विक्रय करते हुए 1 लाख 78 हजार रुपए लाभ कमा रही है. अन्य गतिविधियो में 1 लाख 29 हजार कुल 6 लाख 28 हजार की आमदनी कर ली है.
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