सुप्रिया पाण्डेय, रायपुर। राज्य सरकार की गोधन न्याय योजना को एक बड़ा झटका लग सकता है. रायपुर संभाग में संचालित होने वाली 9 गोठान एक साथ बंद हो सकती है, क्योंकि गोठान में काम करने वाली महिलाओं को बीते 10 महीने से तनख्वाह नहीं मिली है. ऐसे में महिलाएं काम करने की स्थिति में नहीं है. गोधन न्याय योजना के शुरूआत से ही गोठान में काम करने वाली महिलाओं से ये कहा गया था कि 40 दिन के बाद से उन्हें सैलरी दी जाएगी, लेकिन आज 10 महीने हो गए, उन्हें केवल आश्वासन ही दिया जा रहा है.
गोठान में काम करने वाली महिलाएं कहती है कि सरकार ने जल्द ही उनके हित में कोई फैसला नहीं लिया तो वे गोठान में काम नहीं करेंगी. बता दें कि रायपुर संभाग में गोधन न्याय योजना के तहत कुल 9 गोठान संचालित की जा रही है और सभी में यही स्थिति देखने को मिल रही है.
जोन-1 के गोठान में कार्यरत शैल साहू ने कहा कि बीते 10 महीने से लगातार काम कर रहे है लेकिन वेतन बिल्कुल भी नहीं मिली, केवल आश्वासन दिया जा रहा है. हम ऐसे ही मुफ्त में कब तक काम करेंगे. राज्य सरकार को हमारे बारें में कुछ तो सोचना ही चाहिए, यदि वे जल्द ही इस पर विचार नहीं करते तो हम काम बंद कर देंगे.
जोन क्रमांक-2 के गोठान में काम करने वाली महिला सुभद्रा तिवारी का कहना कि वे काफी ज्यादा परेशान है. कोरोना काल में वैसे ही सबके रोजगार छीन गए है और उन्हें भी सैलरी नहीं मिल रही.
जोन क्रमांक-4 के गोठान में काम करने वाली पुष्पा वर्मा ने कहा कहा कि हमें वेतन के नाम पर बार-बार आश्वासन दिया जाता है हमें कहा गया था कि 40 दिन के बाद हमें सैलरी दी जाएगी लेकिन काफी ज्यादा समय हो गया. हमें कुछ भी नहीं मिला, रायपुर के 1,2 नहीं बल्कि पूरे 9 गोठान की ये तस्वीर हैं.
सीईओ को भेजकर करेंगे निराकरण- मंत्री चौबे
गोठान की महिलाओं को लाभांश ना मिलने पर कृषि मंत्री रविंद्र चौबे बोले कि गोठान समिति को और महिलाओं को भी लाभ का हिस्सा मिलेगा. यदि ऐसी कोई शिकायत सामने आ रही है तो सीईओ को भेजकर उस मामले का निराकरण करेंगे.
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