सत्यपाल राजपूत, रायपुर। राजधानी रायपुर के बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर घर दुआर छोड़कर आंदोलन कर रही हैं. बरसात के बीच पेड़ के नीचे तीरपाल के छाया में अपनी मांगों को लेकर दिन रात आवाज़ बुलंद कर रहीं हैं. आज अनिश्चितकालीन हड़ताल का आठवां दिन है, लेकिन अब तक शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने सुध नहीं लिया है. अपने परिजनों को खो चुके महिलाओं का कहना है कि धरना स्थल से या तो हम नियुक्ति पत्र लेकर जाएंगे या फिर हमारी लाश जाएगी.

दिवंगत पंचायत शिक्षक अनुकंपा संघ के प्रदेश अध्यक्ष माधुरी मृगे ने बताया कि अपनी मांगो को लेकर 12 साल से लड़ाई लड़ रहे हैं. ऐसा कोई कार्यालय, ऐसा कोई मंत्री नहीं बचा है, जहां अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन नहीं दिया गया है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. अधिकारी और जनप्रतिनिधियों के द्वारा सिर्फ़ आश्वासन मिला है.

साथ ही बताया कि प्रदेश सरकार ने चुनाव के समय का वादा किया था कि सत्ता में आते ही अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी, लेकिन आज तक अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिली. जैसे दूसरे विभाग के लिए नियम शिथिल कर अनुकंपा नियुक्ति दी गई है. वैसे हम को भी दी जानी चाहिए. हमारी कोई विशेष पोस्ट के लिए मांग नहीं है, जहां भी हो जिस विभाग में हो हमें अनुकंपा नियुक्ति सरकार दे.

बता दें कि रायपुर के बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर घर परिवार छोड़कर 1000 परिवार की महिलाएं थरना दे रही हैं. झमाझम बारिश के बीच महिलाएं थरना स्थल पर डटी हुई हैं, लेकिन कोई सुध लेने वाला नहीं है. महिलाओं को धरना स्थल पर छतरी लेकर बैठे देख आप भी कहेंगे कि इनके साथ न्या होना चाहिए, लेकिन 12 साल से हजारों परिवारों को न्याय नहीं मिल पाया है.

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