नितिन नामदेव, रायपुर. छत्तीसगढ़ के 80 हजार मध्यान भोजन रसोइयां कर्मचारियों ने कलेक्टर दर देने की मांग को लेकर मोर्चा खोल दिया है. साथ ही मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपने कलेक्टर ऑफिस पहुंचे हैं.

रसोइया संघ कि प्रदेश अध्यक्ष नीलू ओघरे ने बताया कि, छत्तीसगढ़ में प्रदेश के लगभग 80 हजार महिलाएं जो गांव कि रहने वाली हैं. साथ ही ग्रामीण मतदाता की श्रेणी में आती हैं, जो कि प्राथमिक स्कूल एवं मीडिल स्कूलों में मध्यान भोजन के लिए रसोइयां के पद पर निरंतर कार्य कर रहे हैं.

आंगनबाड़ी में कार्य करने वाली सहायिका जिनको वर्तमान में 3200 रुपए प्रतिमाह मानदेय दिया जाता हैं. लेकिन प्राथमिक स्कूल एवं मीडिल स्कूलों में मध्यान भोजन में कार्य करने वाली रसोइयां को मात्र 1500 प्रतिमाह मानदेय दिया जाता है. जो कि माह के प्रतिदिवस 50 रुपये के मान से मानदेय दिया जा रहा है. जो कि एक गम्भीर विषय हैं और प्रदेश के लगभग 80 हजार रसोइयां जो प्राथमिक स्कूल एवं मीडिल स्कूलों में मध्यान भोजन में कार्य करने वाली महिलाओं के साथ अन्याय आर्थिक शोषण है.

वर्तमान में श्रमायुक्त दर जिसमें अकुशल श्रमिकों को भी न्यूनतम मानदेय 9 हजार 540 रुपए प्रतिमाह मानदेय देने कि मांग की है. इनका कहना है कि, आज हमारी मांगे पूरी नहीं होंगी तो हम परिवार के साथ धरना में बैठकर उग्र आंदोलन करेंगे.