रायपुर। हर साल 12 अगस्त को ‘अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस’ के रूप में मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र ने इस साल के आयोजन का थीम ‘ट्रांसफ़ॉर्मिंग फ़ूड सिस्टम्स’ यूथ इनोवेशन फ़ॉर ह्यूमन एंड प्लैनेटरी हेल्थ” रखा है, जिसके तहत धरती और इंसानों की सेहत का ख्याल रखते हुए फ़ूड सिस्टम में युवाओं द्वारा किए जा रहे नवोन्मेषी बदलावों को प्रोत्साहित किया जाएगा. इस अवसर पर युवाओं के प्रेरणा स्रोत युवा ऑवार्ड से सम्मानित नितेश साहू से Lalluram.com ने बातचीत की.

इसी के तहत विकास लक्ष्य को लेकर विगत कई साल से प्रयासरत मुंगेली के युवा नितेश साहू प्रतिबद्ध हैं, जो वैश्विक चुनौतियों के विभिन्न मुद्दों पर जमीनी स्तर पर कार्य कर रहे हैं, जिसके लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनके कार्यों को सराहना मिलती रही है. भारत सरकार के द्वारा इन्हें राष्ट्रीय युवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.

प्रकृति एवं मानव स्वास्थ कृषि विज्ञान केंद्र, बिलासपुर के कृषि वैज्ञानिक शिल्पा कौशिक मार्गदर्शन एवं अनुभवी कृषकों की सलाह से नितेश साहू ने अपने भाइयों कमलेश साहू और फिनेश साहू के साथ मिलकर अपनी 25 एकड़ की निजी जमीन का फेंसिंग तार से चकबंदी कर वैज्ञानिक कृषि के कार्य के बढ़ावा दे रहे हैं. रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग न करते हुए, प्रकृति को नुकसान पहुंचाए बिना फसलों का उत्पादन कर रहे हैं, जिससे उपजाया अन्न मानव स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त हो. इनके कृषि कार्य को देखने के लिए विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के विद्यार्थी एंव गैर सरकारी संगठनों के स्वयं सेवक देखने पहुंच रहे हैं.

खेतों की देखभाल के लिए हमारी प्राचीन कृषक परंपरा को बढ़ावा देते हुए नितेश साहू ने मिट्टी की पोषकता को बढ़ावा देने के लिए केंचुआ युक्त खाद गोबर द्वारा निर्मित वर्मी कम्पोष्ट का उपयोग कर रहे हैं.

बरसात के अतिरिक्त पानी को सहेजने के लिए खेत की चौहद्दी में कुएं का निर्माण किया गया है. जल संरक्षण के लिए स्प्रिंगल पाइप के माध्यम से ड्राप तकनीक द्वारा फसलों को सिंचिंत किया जा रहा है. सामान्य धूल, आंधी-तूफान एवं अन्य प्रदूषण से फसल को बचाने के लिए खेत की मेढ़ों में फलदार एवं औषधीय पौधे रोपित किया गए हैं, जो कि अब बड़े होकर वृक्षों में परिणत होकर प्रत्येक मौसम में फलों का अतिरिक्त उपहार प्रदान कर रहे है.

सामाजिक एवं आर्थिक पहलू – नितेश साहू का मानना है कि फ़ूड सिस्टम में आने वाला सकारात्मक बदलाव भुखमरी, गरीबी और बेरोजगारी जैसे भयावह समस्याओं से निजात दिलाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. इसलिए अपने गांव के अन्य समवयस्क युवा जो कभी शहरों की ओर नौकरी के लिए भागते थे. उन्होंने भी इस नवीन और वैज्ञानिक कृषि तकनीकों को अपनाया है. वे कहते हैं कि गांव के हर घर के कम से कम एक सदस्य को कृषि कार्य मे जुटना ही चाहिए, क्योंकि इसके द्वारा ही हम वैश्विक स्तर पर सतत् विकास लक्ष्य के प्राप्ति में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकते हैं. ऐसे ही अनेक सामाजिक कार्यों के लिए राज्यपाल से सम्मानित हो चुके नितेश साहू की प्रतिभा को अब अनेक जगह से प्रोत्साहन मिलना शुरू हो गया है. कई मल्टीनेशनल कंपनियों ने अब युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए नितेश साहू को अपना ब्रांड एम्बेसडर नियुक्त किया है.

युवा अवॉर्ड से समानित नितेश साहू सिर्फ कृषि के क्षेत्र में ही नहीं बल्कि अनेक क्षेत्र में योगदान दे रहे हैं. साथ राज्य के युवाओं के बीच प्रेणास्त्रोत भी है माटीपुत्र के जमीन से शुरू हुई उड़ान की असल दास्तान है, जिससे आने वाले युवाओं को भी अपने पंखों को खोल ऊंची उड़ान भरने की प्रेरणा मिल रही है.

इन्होंने किया आभार प्रकट
मेरा नाम शिवम मिश्रा है ,नितेश भैया से मुलाकात आज से 4 वर्ष पूर्व हुई थी, तब मुझे लगा था, इनसे मार्गदर्शन लेकर जीवन में आगे बढ़ना है. भैया ने मुझे समाज सेवा का मूल मंत्र दिया ,उनके मार्गदर्शन के कारण ही गुरु घासीदास विश्वविद्यालय में छात्र परिषद का सदस्य बन सका, जिसमे उनके अनुभव का इस्तेमाल कर छात्रों के हित के लिए कार्य किया उनका मेरे जीवन मे बहुत ही सकारात्मक प्रभाव पड़ा है. आज उनकी वजह से लोग मुझे जानते हैं. मेरे कार्य की प्रशंसा करते हैं. समाज सेवा के क्षेत्र में बिना स्वार्थ के कार्य करना और हमेशा कुछ नया करते रहने की प्रेरणा हमेशा नितेश भैया से ही मिली है.

बता दें कि सोनिया उपाध्याय, गुरु घांसीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष सचिन गुप्ता, निति आयोग छत्तीसगढ़ के सदस्य शिवम मिश्रा समेत कई लोगों ने अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस पर नितेश साहू का आभार प्रकट किए हैं, नितेश साहू ने कई बच्चों के पढ़ाई की जिम्मेदारी उठाई है, जो आज अच्छे मुकाम पर हैं.

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