संदीप सिंह ठाकुर, लोरमी. लोरमी क्षेत्र में प्रशासन से साहूकारी का लाइसेंस लिए बगैर ही ब्याज में पैसा देने का अवैध धंधा धड़ल्ले से चल रहा है. बावजूद इस पर प्रशासन नकेल नहीं कस पा रही है. ताजा मामला मुंगेली जिले का सामने आया है जहां लोरमी थाना क्षेत्र अंतर्गत गोड़खाम्ही गांव के सायकल स्टोर संचालक सूदखोर मंजीत पिता अमरिक उबेजा उर्फ बंटी के खिलाफ बीते डेढ़ महीने पहले शिकायत के बाद भी आजतक पुलिस द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है. जिसके चलते अब पुलिस के कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहा है.

आपको बता दें कि इस मामले की शिकायत को लेकर लोरमी के तात्कालिक थाना प्रभारी आलोक सुबोध समेत एसडीओपी नवनीत कौर छाबड़ा मीडिया में बयान देने से बच रहे हैं. ऐसे में यह कहना गलत नही होगा कि इन पुलिस अधिकारियों के संरक्षण के चलते ही कोई आरोपी के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.

वहीं इसको लेकर डेढ़ माह बीत जाने के बाद शिकायतकर्ता बद्री साहू समेत अन्य सूदखोर की चंगूल में फंसे चार पीड़ितों ने मुंगेली एसपी कार्यालय पहुंचकर सूदखोर के खिलाफ जांच के बाद जल्द ही एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है.

मामले में पीड़ित बद्री प्रसाद साहू ने बताया कि 4 मई 2016 को 5 लाख रुपए ब्याज में पैसा लिया था. जिसके एवज में सूदखोर मंजीत उबेजा को 5 लाख रुपए ब्याज की राशि जमा कर दिया हूं. जिसके बाद भी मुख्यमार्ग में स्थित मेरी जमीन को रजिस्ट्री करा लिया है जिस जमीन की वर्तमान में अनुमानित कीमत 45 लाख रुपए है. जिसमें साढ़े चार डिसमिल जमीन को लोरमी निवासी भागवत जायसवाल के पास साढ़े दस लाख रुपये में बेचकर उस पैसे को सूदखोर हजम कर लिया है.

बावजूद इसके शेष जमीन को भी हड़प लिया गया है. वे ये कह रहे है की जब बत्तीस लाख रुपए मुझे ब्याज की राशि तुम दोगे तब तुम्हारी जमीन लौटाऊंगा.

पुलिस की कार्यप्रणाली इसलिए सवालों के घेरे में

इस पूरे मामले में सवाल यह उठता है कि जब सूदखोर के खिलाफ साक्ष्य संबंधित दस्तावेज के सांथ नामजद शिकायत की गई है तो आज डेढ़ महीने तक पुलिस के द्वारा एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की गई?

इस शिकायत को लेकर डेढ़ माह बीत जाने के बाद आज लोरमी थाने में मौजूद एसडीओपी नवनीत कौर छाबड़ा से अब तक की गए कार्रवाई को लेकर स्थानीय पत्रकार ने सवाल किया तो उन्होंने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया.

जानकारी देने जैसा कुछ नहीं है

पत्रकार जब इस मामले में जानकारी के लिए पुलिस के पास जाते है तो उन्होंने ये ही नसीहत दी जाती है कि यह यह बाइट (पक्ष देना) देने जैसा मामला नहीं है. कोई मर्डर का मामला थोड़ी है जो बाइट दें.

वहीं थाना प्रभारी आलोक सुबोध ने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि शिकायत पर धारा 155 के तहत फैना देते हुए कार्रवाई की गई है. सांथ ही उन्हें कोर्ट जाने की सलाह दे दी गई है. जबकि मामला साहूकारी से जुड़ा हुआ है. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि यह सूदखोरी है कि नहीं इसको कोर्ट डिसाइड करेगा. क्योकि लोग पुलिस पर भरोसा नहीं कर रहे हैं कोर्ट पर ज्यादा यकीन है, इसलिए हम लोग उन्हें कोर्ट जाने की सलाह दिए हैं.

इधर इस पूरे मामले में शिकायतकर्ता बद्री साहू ने लोरमी पुलिस पर आरोपी सूदखोर को बचाने का प्रयास करते हुए फैना की कार्रवाई करने का आरोप लगाया है. जिसको लेकर पीड़ितों के द्वारा प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को निष्पक्ष जांच कराकर न्याय की गुहार लगाते हुए ज्ञापन सौपा गया. जहां मामले की गंभीरता को देखते हुए गृहमंत्री ने तत्काल जिले के पुलिस अधिकारी को उचित कार्रवाई करने निर्देशित किया है.

आपको बता दें पीड़ित बद्री साहू के द्वारा मुंगेली एसपी कार्यालय में किए गए शिकायत में रजिस्ट्री जमीन के दस्तावेज, व्हाट्सएप में भेजे गए हिसाब की कॉपी, तगादा करने संबंधी कॉल एवं अन्य ऑडियो रिकॉर्डिंग का मेमोरी कार्ड जमा किया गया है. इसके बाद भी अधिकारियों के द्वारा मामले में पर्याप्त साक्ष्य नहीं होने की बात कही जा रही है.

पीड़ितों का आरोप है कि सूदखोर के द्वारा उन्हें पैसा देने के बदले में उनकी जमीन को अमानत के तौर में रजिस्ट्री कराकर हड़प लिया है. जिसका मूलधन समेत हटकी ब्याज की राशि जमा करने के बाद भी अब और पैसा देने की बात कहते हुए सूदखोर ज्यादती कर रहा है. जिसकी लिखित शिकायत लोरमी थाने में पीड़ित शिकायतकर्ताओं ने डेढ़ माह पहले किया है. लेकिन आज एक माह बीत जाने के बाद भी लोरमी पुलिस आरोपी के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीx की है. लिहाजा इधर सभी पीड़ित लोरमी थाना समेत एसपी दफ्तर के चक्कर काटने को मजबूर हैं तो उधर सूदखोरी का आरोपी मंजीत उबेजा उर्फ बंटी शहर में खुलेआम बेख़ौफ घूम रहा है. बहरहाल देखना होगा कि कबतक शिकायत पर दोषी सूदखोर के खिलाफ कार्रवाई होती है.