CG Rajyotsav 2025: रायपुर. मध्यप्रदेश से विभाजन के दौरान 1 नवंबर 2000 को नवोदित छत्तीसगढ़ राज्य में 16 जिले थे और 25 साल बाद अब 33 जिले हैं. भौगोलिक नजरिए से देखें तो छत्तीसगढ़ का दायरा काफी व्यापक है. इस लिहाज से जिलों का दायरा भी बड़ा हुआ करता था. उस दौरान दूरस्थ क्षेत्रों के लोगों का जिला मुख्यालय तक पहुंचना बेहद कठिन कार्य था. सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाते लोगों को सालों बीत जाते थे. दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों के लिए तो जिला मुख्यालय आना भी सपने जैसा हुआ करता था. अब 25 साल के युवा हो चुके छत्तीसगढ़ में दोगुने से ज्यादा 33 जिले हो चुके हैं. प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण और शासन को आम लोगों के नजदीक लाने की कोशिशें काफी हद तक सफल भी हुई हैं.


छत्तीसगढ़ में लगभग सभी सरकारों ने प्रशासनिक कामकाज को गति देने विकेन्द्रीकरण करने पर जोर दिया. वहीं बड़े जिलों को विभाजित कर छोटे जिले बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई. इससे कामकाज में पारदर्शिता भी आई और आम लोगों की भी प्रशासन तक पहुंच आसान होने लगी. वर्ष 2005 के बाद छोटे जिलों की मांग भी बढ़ने लगी. वहीं बड़े जिलों में कामकाज के बढ़ते बोझ और आम लोगों की बढ़ती दिक्कतों के चलते भी दबाव बना.
11 मई, 2007 में दंतेवाड़ा जिले को विभाजित कर बीजापुर और नारायणपुर जिला बनाया गया. यह फैसला बेहतर साबित हुआ और आम लोगों की प्रशासनिक दिक्कतें दूर होने लगी. इसके बाद 11 जनवरी 2012 को 9 अन्य नए जिले बनाए गए. इनमें सुकमा, कोंडागांव, बालोद, बेमेतरा, बलौदा बाजार, गरियाबंद, मुंगेली, सूरजपुर और बलरामपुर नए जिले प्रदेश के प्रशासनिक नक्शे में शामिल हुए. इसके बाद कुछ वर्षों तक जिला पुनर्गठन के मामले में ब्रेक लगा रहा. हालांकि वर्ष 2020 में फिर जिला पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू हुई. वहीं 10 फरवरी 2020 को गौरेला-पेंड़ा-मरवाही जिला अस्तित्व में आया. जबकि 15 अगस्त 2021 को चार अन्य नए जिले मनेंद्रगढ़-भरतपुर-चिरमिरी, मानपुर मोहला-अंबागढ़ चौकी, सक्ती और सारंगढ़-बिलाईगढ़ की घोषणा की गई. इसके बाद 17 अप्रैल 2022 को खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिला अस्तित्व में आया.
कभी सबसे बड़ा था, अब सबसे छोटा है रायपुर जिला :
राज्य गठन के बाद दशकों तक रायपुर जिला सबसे बड़ा जिला माना जाता था. रायपुर जिले का दायरा भी व्यापक था. लगभग 100 किमी से ज्यादा दूरी के क्षेत्र भी जिले में शामिल थे. इस वजह से प्रशासनिक कामकाज को लेकर हमेशा शिकायत और पेंडेंसी बनी रहती थी. रायपुर जिले को विभाजित करने के बेहतर प्रशासनिक नतीजे सामने आए. रायपुर से विभाजित होकर सबसे ज्यादा पांच नए जिले बने. इनमें महासमुंद, धमतरी, गरियाबंद, बलौदा बाजार-भाटापारा और खुद नया रायपुर जिला अस्तित्व में आया.
