रायपुर. विधानसभा में अनुदान मांग पर चर्चा जारी है.  मंगलवार को मंत्री टीएस सिंहदेव के विभागों पर चर्चा की गई.पंचायत, स्वास्थ्य जैसे विभागों के बजट अनुदान मांग पर चर्चा के दौरान पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए बजट में विभागों के लिए किए गए प्रावधानों को मजाक बताया.

भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि पंचायत, स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बजट में मजाक किया गया. 1993 से 2003 तक कांग्रेस सत्ता में रही लेकिन पंचायतीराज सशक्तिकरण को लेकर एक भी योजना बनाई हो तो बता दें. मैं दावे से कहता हूँ कि 2.75 फीसदी बजट की अनुशंसा थी, लेकिन पूरी राशि कभी पंचायत को नहीं मिली. खाद्यान्न सुरक्षा के अधिकार को लेकर इसी सदन में सोमनाथ चटर्जी ने कहा कि हम सर्वहारा की बात करते रहे, लेकिन कभी ऐसी योजनाएं नहीं बना सके. आज श्रेय लेने के लिए 35 रुपये किलो चावल देने की योजना शुरू कर रहे हैं. ये योजना डॉक्टर रमन सिंह ने बनाई थी.

स्वच्छता अभियान में गड़बड़ी करने वालों पर करें कार्रवाई

उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान में यदि किसी ने गड़बड़ी की है तो मैं मांग करता हूँ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. हमने पंचायत में ये कानून बनाया कि कोई अवैध कब्जा करेगा तो वह चुनाव नहीं लड़ पाएगा. बजट में निर्दयतापूर्वक राशि काटी है. 14 वें वित्त आयोग की पूरी राशि पंचायतों को जाती है, पहली बार सरकार ने निर्देश जारी किया था कि इसकी राशि कहीं और नहीं जाएगी. यदि किसी ने कहा है तो उसे जेल में डालिए. 85 विकासखंड और लगभग 5 हजार पंचायत पेसा क्षेत्र में है, उन इलाकों को लेकर सरकार का दृष्टिकोण क्या है?

सरकार की प्राथमिकता में गांव नहीं

चंद्राकर से सवाल किया कि एक्टिविटी मैपिंग को लेकर सरकार का दृष्टिकोण क्या है. छत्तीसगढ़ की पंचायतीराज ज्यादा सशक्त बने इस दिशा में मैने क्या किया यह आप मणिशंकर अय्यर से पूछ लीजिये. 44 करोड़ रुपये जिला पंचायतों को दिए जाने वाले मद से काटा है. वह भी निर्वाचित जनप्रतिनिधि हैं. सारी योजना को हमने एकजुट करके मुख्यमंत्री समग्र विकास योजना बनाई थी. अभिसरण में यदि सबसे ज्यादा अवार्ड देश में किसी राज्य को मिले थे तो वह छत्तीसगढ़ ही था. आंतरिक विद्युतीकरण के लिए सारा पैसा काट दिया. सरकार की प्राथमिकता में गांव कहीं नहीं है.

पलायन शुरू, कहां है सरकार की मनरेगा

मनरेगा में डेढ़ सौ दिन रोजगार देने का निर्णय डॉक्टर रमन सिंह ने शुरू किया था, लेकिन दुर्भाग्य है कि दो महीने में कितने काम चल रहे है? इसे देखा जाए. पलायन अभी से शुरू हो गया था. कहां है सरकार की मनरेगा. जीपीडीपी योजना के तहत 57 लाख रुपये सर्वे के लिए प्रावधानित किया गया. एक गांव के लिए 25 रुपया. विधायकों की ओर से हम भी 25-25 रुपए दे देंगे. मैं जब मंत्री था तब सबसे ज्यादा समीक्षा विहान योजना की ही करता था. गरीब सबकी ओर देखता है, लेकिन गरीब की ओर कोई नहीं देखता. एक विहान समूह को फाइनेंस कराना कार फाइनेंस कराने से ज्यादा कठिन है. गरीबी उन्नमूलन के लिए पूरे राज्य में विहान ही एक योजना है.

मंत्री इसलिए क्योंकि अंग्रेजी आती है

अटल बाजार की योजना इसलिए बनाई गई थी कि ग्रामीण इलाकों को बाजार मिले. उन्होंने कहा कि छोटे-मोटे आक्रमण से मैं नहीं घबराता. मर्दों की तरह आइए. पिछले दिनों कुरूद में अर्थक्वेक आया था. सारे अधिकारी एकजुट हो गए थे. (पिछले दिनों कुरूद में अधिकारियों की टीम गई थी, सड़क निर्माण की जांच के लिए). जीएसटी में टीएस सिंहदेव सिर्फ इसलिए है क्योंकि अंग्रेजी बोलना आता है. कोई योग्यता जैसी बात नहीं है.

सुपेबेड़ा पर प्रतिवेदन तक नहीं पढ़ा

सिंहदेव ने जब सुपेबेड़ा को लेकर कहा था तब लगा कि आपने खुद इसका प्रतिवेदन नहीं पढ़ा. कोई भी सरकार जनक्षति नहीं चाहती. स्वाइन फ्लू क्या सरकार की वजह से होती है? आप लोगों ने 15 साल यही काम किया था. स्वास्थ्य के इंडेक्स में छत्तीसगढ़ दूसरे राज्यों से कहीं बेहतर है. मैंने कहा था नसबंदी कांड में लापरवाही हुई है. क्या आप सुपेबेड़ा को लेकर ये कहेंगे? आईसीएमआर की टीम मैंने दो बार सुपेबेड़ा भेजा था. स्थायी समाधान के लिए आप कुछ करेंगे या फिर सिर्फ फोन नम्बर देकर आएंगे.

स्वास्थ्य योजना के नाम पर भ्रम पैदा कर रहे

भारत सरकार ने राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अस्पतालों के मानदंड तैयार किये थे उसके अनुरूप राज्य के अस्पतालों को ढालना था लेकिन इसके लिए बजट नहीं रखा गया. स्वास्थ्य के नाम पर केवल राजनीति करते हैं. स्वास्थ्य का इस्तेमाल राजनीतिक स्वार्थ के लिए नहीं होनी चाहिए. आयुष्मान भारत और यूनिवर्सल हेल्थ स्किम को लेकर लोगों के बीच भ्रम की स्थिति पैदा की जा रही है. मेकाहारा में मरीजों का दबाव कम करने के लिए जब बाहर के लोग आपकी शर्तों पर काम कर रहे थे, निजी क्षेत्रों की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही थी लेकिन इसे हटा दिया.