रायपुर। कश्मीर में कश्मीरी पंडितों की स्थिति को लेकर फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री निर्देशित फिल्म ‘कश्मीर फाइल्स’ का मसला विधानसभा में उठा. विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि यह दुर्भाग्यजनक है कि जिस फिल्म को देश के सेंसर बोर्ड ने स्वीकृत किया है, सरकार उसे लोगों को देखने से रोक रही है.
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कश्मीर की वास्तविक स्थिति लोगों के सामने आने से रोकने की कोशिश की जा रही है. कश्मीर फाइल लोग देखने नहीं जाए, जहां कश्मीरियों की हत्या हुई. कश्मीर फाइल्स वास्तविक स्थिति को बता रही है. वहीं सरकार आयोजकों को कह रही है कि लोगों को देखने नहीं जाना चाहिए. उसकी टिकट नहीं देनी चाहिए, यहां 10-15 टिकट बेचकर हाउसफुल का बोर्ड लगाया जा रहा है. यह दुर्भाग्यजनक है कि जिस फिल्म को देश के सेंसर बोर्ड ने स्वीकृत किया है, उसे सरकार लोगों को देखने से रोक रही है.
हाउसफुल बताने पर हंगामा
बता दें कि राजधानी रायपुर में रविवार को तेलीबांधा स्थित PVR में ‘कश्मीर फाइल्स’ फिल्म के हाउसफुल शो को लेकर लोगों हंगामा किया था. दरअसल, PVR में हंगामा करने वाले लोगों का दावा था कि शो को जबरदस्ती फुल बता दिया जा रहा है, जिससे उस फिल्म को कोई देख न सकें, यह सोची समझी साजिश है. जिसकी शिकायत लिखित रूप से रायपुर कलेक्टर को की गई है.
यही नहीं भिलाई के अलग-अलग सिनेमाघरों में 11 मार्च से मूवी “कश्मीर फाइल” लगी हुई है. भिलाई के PVR में शनिवार देर रात टिकट को लेकर बवाल हो गया. मूवी देखने गए भिलाई के भाजपा कार्यकर्ताओं को PVR प्रबंधन ने मूवी देखने के लिए टिकट देने से इनकार कर दिया. इस पर जमकर बवाल हुआ है. स्मृति नगर पुलिस चौकी का अमला मौके पर पहुंचा. चौकी प्रभारी भी डटे रहे.
मूवी देखने PVR पहुंचे प्रशम दत्ता, विनय सेन और गौरव यादव ने बताया कि PVR की वेबसाइट में सीटें शो कर रही थी. हमने सोचा कि काउंटर से ही टिकट करा लेंगे. टिकट कराने पहुंचे तो काउंटर में मौजूद कर्मी ने टिकट देने से इनकार कर दिया. कहने लगे कि 50% सीटों के हिसाब से टिकट दिए गए हैं, इसलिए अब टिकट नहीं दे सकते.
प्रशम ने बताया कि PVR में गंगूबाई और बैटमैन की मूवी हाउसफुल चल रही है. कश्मीर फाइल के लिए कोरोना के नियम-कायदे बता रहे हैं, लेकिन बाकी फिल्मों में नियम-कायदों की कोई बात ही नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि आखिर इस फिल्म में ऐसा क्या है कि सिर्फ 50% सीटों के लिए टिकट दिए जा रहे हैं? ये ठीक नहीं है. हम इसका विरोध करते हैं.
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