रायपुर. विधानसभा में गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी एवं भुगतान मामले में विपक्ष ने कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे को घेरा.

 बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने ये मामला उठाया और पूछा कि गोबर खरीदी किस मद से की जा रही है? खरीदी के लिए किन लोगों की नियुक्ति की गई है?

कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा- पंचायतीराज अधिनियम के तहत गौठान ग्राम पंचायतों की प्रॉपर्टी है. समितियों का गठन पंचायतों द्वारा गठित की गई है.

बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा- ग्राम सभाओं से समिति बनाने का प्रस्ताव मंगाया गया था. 90 फीसदी से ज्यादा समिति अनुशंसाओं के विपरीत बनाये गए हैं.

कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा- फरवरी के पहले तक ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से गोबर खरीदी का भुगतान किया गया इसके बाद कृषि विभाग के माध्यम से भुगतान किया जा रहा है.

बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा- 14 वें और 15 वें वित्त आयोग की राशि से भुगतान के लिए पंचायतों पर दबाव बनाया जा रहा है. यह राशि गांवों के आधारभूत विकास के लिए होती है. मंत्री यह बताए कि गोबर खरीदी का भुगतान किन मदों से किया गया?

कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा- मद का भुगतान गोधन न्याय योजना के तहत ही किया गया. जो सेस हमने लगाया उसके जरिये भुगतान हुआ है.

बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा- मंत्री सदन को गुमराह कर रहे हैं.

शर्मा ने पूछा कि- 40 लाख टन से ज्यादा गोबर खरीद कर रखा गया है, इसका इस्तेमाल दो महीने के भीतर नहीं किया गया तो यह उपयोग लायक नही रह जाएगा?

कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि- 6 हजार 200 से ज्यादा गौठान निर्मित हो गए हैं. इन गौठानों में वर्मी टांकों में

बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा- मंत्री जवाब देने से बच रहे हैं.

बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने पूछा कि- कितनी राशि गोधन न्याय योजना मद में रखी गई है?

कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे सदन में जवाब नहीं दे पाए.

मंत्री के जवाब से असंतुष्ट बीजेपी विधायकों ने फिर सदन से वॉकआउट किया.