रायपुर। सीजीपीएससी 2019 के नतीजे घोषित हो चुके हैं. पंडरिया तहसील के ग्राम बाघामुड़ा के रहने वाले पीयूष तिवारी ने सुविधाओं के अभाव में पढ़ाई करते हुए अठ्ठारहवी रैंक हासिल की है. पीयूष ने अपनी सफलता का पूरा श्रेय परिवार वालों को दिया है. उनकी बड़ी बहन नायाब तहसीलदार है, उन्हीं से उनको प्रेरणा मिली.

पीयूष तिवारी के पिता प्रदीप तिवारी पेशे से अधिवक्ता है, वहीं मां पुष्पा तिवारी शिक्षिका है. पीयुष ने शुरुआती पढ़ाई पंडरिया के सरस्वती शिशु मंदिर से की है, जहां उनके पास पढ़ाई के लिए ज्यादा संसाधन नहीं थे. लेकिन पीयूष से हार नहीं मानी. उन्होंने बिलासपुर के महर्षि विद्या मंदिर से पढ़ाई की, इसके बाद एनआईटी रायपुर से इंजीनियरिंग की. 2019 में नौकरी लग गई, लेकिन नौकरी छोड़कर पीयूष ने सीजीपीएससी की तैयारी की.

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इसके पहले पीयूष ने दो बार जॉब करते हुए पढ़ाई की, लेकिन सफल न हो सके. इसके बाद उन्होंने जॉब छोड़कर 2019 में पूरी लगन से पढ़ाई की और सफल भी हुए. पीयूष बताते है कि उनकी फैमिली से कोई भी सिविल सर्विस में नहीं है, इसलिए बेहतर मार्गदर्शन नहीं मिल पा रहा था, कॉन्फिडेंस की कमी थी. सपोर्ट भी नहीं थाय लेकिन 2019 से तैयारी करता रहा जिससे सफलता हाथ लगी. पीयूष ने बाकी छात्रों को भी सफलता का मूल मंत्र देते हुए कहा कि सही मार्गदर्शन की बहुत जरूरी है, पिछले वर्ष के प्रश्नों को हल करें उससे कान्फिडेंस लेवल में इजाफा होगा.

नक्सल क्षेत्र से निकला होनहार…

बीजापुर जिला अब नक्सलगढ़ से शिक्षागढ़ की ओर बढ़ रहा है. बीते कुछ सालों से पिछड़े उसूर क्षेत्र से कई प्रतिभावान युवाओं ने पीएससी में अच्छी रैंकिंग हासिल कर प्रशासनिक सेवाओं में हैं. अब चिलकपल्ली के अजय मोडियम ने ओवरऑल रैंक में 98 और केटेगरी रैंकिंग में 1 स्थान पाकर डिप्टी कलेक्टर तक पहुंचने का रास्ता तय किया है. ये प्रदेश के लिए गर्व की बात है कि घोर नक्सल क्षेत्र में भी ऐसे युवाओं में टैलेंट देखने को मिल रहा है.