वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर. छत्तीसगढ़ पीएससी-2021 की परीक्षा में चयनित बेदाग अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने सिंगल बेंच के आदेश के खिलाफ राज्य शासन ने हाईकोर्ट की डीबी में अपील की है। इस मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने शासन से पूछा है कि सीबीआई की जांच कब तक पूरी हो जाएगी। कोर्ट ने शासन से अगली सुनवाई में स्टेटस रिपोर्ट मंगाई है, जो 6 नवम्बर को होगी। मामले में अभी सीबीआई को पक्षकार नहीं बनाया गया है।
दरअसल, CGPSC ने 26 नवंबर 2021 को 171 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया था, जिसमें डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी, लेखाधिकारी, जेल अधीक्षक, नायब तहसीलदार समेत 20 सेवाओं में सीधी भर्ती होनी थी। 11 मई 2023 को नतीजे घोषित किए गए। चयन प्रक्रिया में शामिल कई अभ्यर्थियों ने अंतिम मेरिट सूची में जगह बनाई। इस बीच परीक्षा में धांधली और पीएससी के अध्यक्ष समेत कई पदाधिकारियों के रिश्तेदारों के चयन का आरोप लगा। इसके बाद राज्य सरकार ने सीबीआई को जांच की जिम्मेदारी सौंप दी।

सीबीआई जांच के चलते रोक दिए गए हैं नियुक्ति आदेश
इधर, सीबीआई जांच के चलते नियुक्ति आदेश रोक दिए गए, जिससे चयनित लेकिन निर्दोष अभ्यर्थी भी नियुक्ति से वंचित हो गए। इसे लेकर 60 से अधिक अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाकर कहा कि वे योग्यता के बलबूते चयनित हुए हैं, उनके खिलाफ कोई एफआईआर नहीं है, नियुक्ति नहीं देना अनुचित है। जस्टिस अमितेंद्र किशोर प्रसाद की सिंगल बेंच ने मामले की सुनवाई के बाद फैसले में निर्देश दिए थे कि सीबीआई जांच में जिन अभ्यर्थियों के खिलाफ अब तक कोई विपरीत तथ्य सामने नहीं आए हैं और जिनका नाम चार्जशीट में नहीं है, उन्हें वैधता अवधि के भीतर यानी 60 दिनों के भीतर नियुक्ति पत्र जारी करें। इस आदेश के खिलाफ राज्य शासन ने हाईकोर्ट में अपील की।
6 नवंबर को होगी मामले की अगली सुनवाई
इस मामले में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डीबी में सुनवाई हुई। कोर्ट ने राज्य शासन से स्टेटस बताने को कहा है। डीबी ने पूछा सीबीआई अपनी जांच कब तक पूरी कर लेगी। बता दें कि वर्ष 2020 से 2021 तक पदों की भर्ती को लेकर सीबीआई जांच कर रही है। मामले की अगली सुनवाई 6 नवंबर को होगी।