रायपुर. 79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उत्तराखंड सरकार ने राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारियों को विशिष्ट सेवा के लिए सम्मानित किया. इस वर्ष का समारोह छत्तीसगढ़ के लिए ख़ास बन गया, जब छत्तीसगढ़ की बेटी IPS श्वेता चौबे को मुख्यमंत्री सराहनीय सेवा पदक से सम्मानित किया गया. प्रदेश में बादल फटने से मची तबाही वाले क्षेत्र में राहत और बचाव कार्य के लिए विशेष टीम का गठन किया गया था, जिसमें छत्तीसगढ़ मूल की IPS श्वेता चौबे का भी नाम था. 

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छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में पुलिस अधीक्षक रहे राष्ट्रपति पुरस्कार से 2 बार सम्मानित दिवंगत IPS विजय शंकर चौबे, जिन्होंने आगे जाकर छत्तीसगढ़ के DGP पद की कमान संभाली थी, उनकी बेटी हैं IPS श्वेता चौबे. दिवंगत DGP विजय शंकर चौबे छत्तीसगढ़ के सारंगढ़ के मूल निवासी थे, उन्होंने सारा जीवन छत्तीसगढ़ पुलिस में अपनी सेवाएं दी, जिसके चलते श्वेता का बचपन भी दुर्ग समेत छत्तीसगढ़ के कुछ अन्य जिलों में बीता है.

छत्तीसगढ़ में अपना बचपन बीतने के बाद श्वेता ने UKPSC की परीक्षा पास की और बतौर DSP अपनी सेवाएं देने लगीं. बीतते समय के साथ श्वेता को उनके नाम से ज्यादा उनके काम से जाना जाने लगा. विभागीय पदोन्नति के बाद IPS अवार्ड हुआ, जिसके बाद उन्होंने अपने काम के बलबूते कई बड़े कीर्तिमान रचे और उन्हें “उत्तराखंड की शेरनी” के नाम से जाना जाने लगा. उनके विशिष्ट कार्यों के लिए सरकार द्वारा उन्हें सराहा भी गया.

बीते वर्ष ही IPS श्वेता चौबे को उनकी सराहनीय सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की गई थी, जिसके बाद 26 जनवरी 2025 को उन्हें इस सम्मान से पुरस्कृत किया गया. इसी वर्ष उन्हें उत्तराखंड में महिला सुरक्षा के लिए चलाए गए “Operation Pink” के लिए स्कोच अवॉर्ड से सम्मानित किया गया और आज स्वतंत्रता दिवस पर उन्हें उत्तराखंड सरकार ने मुख्यमंत्री सराहनीय सेवा पदक से सम्मानित किया है.

उत्तराखण्ड की शेरनी से नाम से मिली पहचान 

IPS श्वेता चौबे लगातार अपनी सेवाओं से अपना और छत्तीसगढ़ का नाम राष्ट्रीय पटल पर स्वर्ण अक्षरों में अंकित कर रहीं है. अपनी कार्यव्यनिष्ठिता के चलते “छत्तीसगढ़ की बेटी” अब “उत्तराखण्ड की शेरनी” के नाम से पहचानी जा रही हैं.