रायपुर। छत्तीसगढ़ की धरती हमेशा से कला, संस्कृति और साहित्य की उर्वर भूमि रही है। यहां की मिट्टी में न जाने कितने कलाकारों ने जन्म लिया है और कितनी ही कविताएं जनमानस के हृदय तक पहुँची हैं। अब वक्त आ गया है कि इसी माटी से उपजे उन शब्दों, उन भावनाओं और उन रचनाकारों को एक सशक्त मंच देने का, जो अपनी कलम से समाज को नया दृष्टिकोण दे रहे हैं।
इसी उद्देश्य को पूरा करने आ रहा है “चाय गोविन्दम काव्यकुंभ”, एक ऐसा कार्यक्रम जो सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि एक अवसर है, हर उस युवा कवि और लेखक के लिए जो अपने शब्दों से लोगों के दिलों तक पहुँचने की चाह रखते हैं।

प्रतियोगिता का स्वरूप
“चाय गोविन्दम काव्यकुंभ” के अंतर्गत एक विशेष कवितापाठ गोष्ठी का आयोजन स्पर्धा के नाम से किया जा रहा है जिसमें रायपुर और छत्तीसगढ़ के तमाम लेखक, कवि, गीतकार, शायर और शब्दों के जादूगर हिस्सा ले सकते हैं। प्रतियोगिता में भाग लेकर आप सिर्फ अपनी कला को प्रदर्शित करने का अवसर नहीं पाएंगे, बल्कि एक ऐसी यात्रा शुरू करेंगे, जो आपको देश के नामचीन कलाकारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने का मौका देगी।
इस कार्यक्रम में लल्लूराम डॉट कॉम मीडिया पार्टनर हैं। ये कार्यक्रम 22 जून 2025 को रायपुर के पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में दोपहर 12 बजे से शुरु होगा। अगर आप भी इस कार्यक्रम में शामिल होना चाहते है तो ऑनलाइन बुकिंग प्लेटफार्म बुक माय शो के जरीए अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।

मंच साझा करें अपने पसंदीदा कलाकारों के साथ
इस प्रतियोगिता के विजेता को मिलेगा जीवन का शायद सबसे बड़ा तोहफ़ा। स्टेज शेयर करने का अवसर इन प्रख्यात कलाकारों के साथ:
• राहगीर – जिनके शब्द सीधे आत्मा को छूते हैं।
• सौरभ द्विवेदी – पत्रकारिता और विचारधारा की धार से लैस।
• मनहर सेठ – युवाओं की आवाज़ और दिलों की धड़कन।
• रुचिका लोहिया – मंचों की राजकुमारी, जो हर कविता को जीवन बना देती हैं।
इनके अलावा अज़हर इक़बाल जैसे मक़बूल शायर, रज़ा मुराद जैसे संजीदा कलाकार
इनाम भी कम नहीं
प्रतियोगिता के विजेताओं के लिए रखा गया है एक लाख रुपए तक का कैश प्राइज़ जो न सिर्फ सम्मान का प्रतीक होगा, बल्कि आपके साहित्यिक सफर को भी गति देगा।
रायपुर के लिए यह क्यों खास है?
रायपुर, जो अब शैक्षणिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का एक बड़ा केंद्र बन रहा है, के लिए “चाय गोविन्दम काव्यकुंभ” एक ऐतिहासिक अवसर है। यह प्रतियोगिता उन तमाम नवोदित और उभरते हुए कलाकारों को मुख्यधारा में लाने का माध्यम बनेगी, जिन्हें अब तक बस एक मंच की तलाश थी।
यह एक मंच है
जहां भावनाएं बोलेंगी,
जहां कविताएं जिएंगी,
जहां शब्दों से मुलाकात होगी।
आप भी बन सकते हैं हिस्सा
अगर आप भी लिखते हैं कविता, शायरी, व्यंग्य, ग़ज़ल या कोई भी कला जो शब्दों से जुड़ी हो, तो यह मौका आपके लिए है। अपने शहर, अपने राज्य और अपनी कला को देश के कोनों तक पहुँचाने का ये स्वर्णिम अवसर मत गंवाइए।
“कविता अब सिर्फ डायरी में नहीं, मंच पर गूंजेगी।
शब्द अब सिर्फ पन्नों में नहीं, भीड़ के बीच बोलेगा।
और शायद, अगली बार राहगीर आपके लिए ताली बजाएँगे ।”
“चाय गोविन्दम काव्यकुंभ” अपनी आवाज़ को मंच दो।
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