लखनऊ. पीएम मोदी के आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन बिबेक देबरॉय ने संविधान बदलने की बात की है. उनके लिखे एक लेख पर देशभर में खूब बवाल हो रहा है. बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने इसको लेकर आपत्ति जताई है.
बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर लिखा कि आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन बिबेक देबरॉय द्वारा अपने लेख में देश में नए संविधान की वकालत करना उनके अधिकार क्षेत्र का खुला उल्लंघन है, जिसका केंद्र सरकार को तुरंत संज्ञान लेकर जरूर कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि आगे कोई ऐसी अनर्गल बात करने का दुस्साहस न कर सके.
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मायावती ने कहा कि देश का संविधान इसकी 140 करोड़ गरीब, पिछड़ी व उपेक्षित जनता के लिए मानवतावादी एवं समतामूलक होने की गारण्टी है, जो स्वार्थी, संकीर्ण, जातिवादी तत्वों को पसंद नहीं और वे इसको जनविरोधी व धन्नासेठ-समर्थक के रूप में बदलने की बात करते हैं, जिसका विरोध करना सबकी जिम्मेदारी.
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