रायपुर. चैत्र अमावस्या का बड़ा महत्व हैं. इस दिन स्नान करने से मोक्ष प्राप्ति होती हैं. स्नान, व्रत, श्राद्ध, दान करना चैत्र अमावस्या के दिन अति फलदायी माना गया हैं. कुछ विशेष उपाय इस दिन किए जाए तो जीवन में काफी फायदेमंद हो सकते हैं और घर में सुख सम्रद्धि का वास होता हैं.

चैत्र अमावस्या को क्या करें

इस अमावस्या मध्यरात्रि से पूर्व स्नान कर पीले वस्त्र पहने और उत्तर दिशा में मुहं करके पूजा का आसन बिछाए. पूजा की थाली में केसर से स्वास्तिक का चित्र बनाकर उन पर महालक्ष्मी यंत्र स्थापित करे इन पर केसर युक्त चाव छिडके और घी का दीपक जलाकर कमल गट्टे की माला का जाप करें.

चैत्र अमावस्या की रात को घी का दीपक जलाए और बत्ती बनाने में रुई का इस्तेमाल न करके लाल रगं के धागे का उपयोग करें और इसमें थोड़ी सी केसर डाले, इस दीपक को घर के ईशान कोण की तरफ करके प्रज्वलित करे. यह उपाय करने से घर में लक्ष्मी का वास होता हैं.

इस दिन किसी भिखारी अथवा भूखे व्यक्ति को भोजन अवश्य दे. किसी जानवर, पक्षी अथवा व्यक्ति कुछ भी आपकों मिले उसे भोजन अवश्य देवे. घर के नजदीक कोई जलाशय हो तो इस दिन मछलियों को आटे की गोलियां अवश्य खिलाएं.

चैत्र अमावस्या का दिन विशेष रूप से पितरों को समर्पित हैं. इसलिए इस दिन अपने पूर्वजों को धूप दीप आदि अवश्य देना चाहिए. आप गाय के गोबर पर घी और गुड़ का धुप देकर थोड़ा सा जल छिड़क देने से पितृ अवश्य प्रसन्न होंगे.

चैत्र अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष की जड़ में एक लोटा कच्चे दूध में बताशा और थोड़े से अक्षत डालकर अर्पित करेंगे तो इससे परिवार में सुख-शांति, सौभाग्य आता है.चैत्रचैत्री अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष की जड़ में एक लोटा कच्चे दूध में बताशा और थोड़े से अक्षत डालकर अर्पित करेंगे तो इससे परिवार में सुख-शांति, सौभाग्य आता है.

चैत्र अमावस्या के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करें और उसके किनारे बैठकर पंडित से पितरों के निमित्त तर्पण और दान करवाएं.चैत्रचैत्री अमावस्या के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करें और उसके किनारे बैठकर पंडित से पितरों के निमित्त तर्पण और दान करवाएं.