रवि रायकवार, दतिया। चैत्र नवरात्रि 2025 पर नौ दिनों तक देवी दुर्गा का पूजा-अर्चना और आराधना की जा रही है। प्रदेश में कई प्राचीन और पौराणिक देवी मंदिर स्थापित है। सभी देवी मंदिरों की अलग अलग मान्यताएं हैं। इसी कड़ी में प्रदेश के दतिया में स्थित मां विजय काली माता को शहर में कुल देवी के रूप में पूजा जाता है। नवरात्रि के अलावा यहां प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु सुबह शाम नियमित रूप से पूजन-दर्शन और जलाभिषेक के लिए पहुंचते हैं। यह मंदिर बड़ी माता मंदिर के नाम से भी प्रसिद्ध है। मां विजय काली का मंदिर वीर सिंह पैलेस (सतखंडा महल) के पास स्थित है। मां विजयकाली माता की स्थापना दतिया के तत्कालीन शासक विजय बहादुर सिंह जू देव ने संवत 1950 के आसपास कराई थी।

कालीमाता के साथ शीतला स्वरूपा भी

मंदिर के पुजारी की मानें तो उनका कहना है कि महाराज विजय बहादुर सिंह जूदेव की पुत्री को चेचक रोग होने के कारण तांत्रिक हिमकर ओझा ने मां विजय काली माता की आराधना करने की सलाह दी थी। देवी की आराधना और स्थापना के बाद राजा की पुत्री पूर्ण रूप से स्वस्थ हो गई थी। मां विजय काली को दतिया की कुलदेवी के रूप में पूजा जाता है। मां विजयकाली माता का स्वरूप कालीमाता के साथ शीतला स्वरूप भी हैं।

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