सतना. 51 शक्तिपीठों में शुमार सतना जिले की मैहर की मां शारदा की चैत्र नवरात्र के पहले दिन की पहली आरती भक्तों बिना के हुई. बढ़ते कोरोना संक्रमण की वजह से शारदा प्रबंधन समिति ने मंदिर को पूरे नवरात्र तक बंद रखने का ऐलान किया है. केवल पुजारियों को ही पूजा के लिए मंदिर के गर्भगृह तक जाने की अनुमति है. सीढिय़ों के रास्ते प्रशासन ने चैनल गेट पर ताला लगा दिया है. रोपवे का संचालन भी बंद है. कुल मिलाकर नवरात्र पर भक्तों की भीड़ वाली माई की नगरी आज पूरी तरह से वीरान रही.

नवरात्रि पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते थे
सतना जिले के मैहर शारदा शक्ति पीठ में जहां नवरात्रि पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते थे, वहीं अब करोना महामारी के चलते मंदिर परिसर में सन्नाटा पसरा हुआ है. सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रदेश के सारे देवी मंदिरों को श्रद्धालुओं के लिए बंद रखने का निर्णय लिया है. इसी के चलते श्रद्धालुओं के लिए मैहर के पट बंद रहे. केवल पुजारी द्वारा मंदिर में आरती की गई. मैहर शारदा प्रबंधन समिति के प्रशासक ने श्रद्धालुओं के लिए 9 दिन पूरी तरह से बंद रखने का निर्णय लिया है.

सिद्ध पीठ माता जालपा मंदिर के मुख्य द्वार बंद
कटनी कोरोना संक्रमण को देखते हुए शहर में 17 अप्रेल तक लॉकडाउन लगा हुआ है. इसके चलते शहर के प्रसिद्ध सिद्ध पीठ माता जालपा मंदिर में कोरोना गाइडलाइन के तहत मुख्य द्वार बंद कर दिया गया है. मुख्य द्वार से श्रद्धालु पूजन कर अपनी मन्नत मांग रहे हैं. कटनी की धरा पर विराजमान माता शहर को हर बला से बचाती हैं एवं भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं.

माता जालपा का मंदिर 250 वर्ष पुराना
बता दें कि माता जालपा का मंदिर 250 वर्ष पुराना है. मंदिर में विराजित माता जालपा बांस के जंगल से माता रानी प्रकट हुई थीं. जहां माता विराजमान है वहां कई वर्ष पूर्व बांस का जंगल हुआ करता था. उसी जगह पर माता जालपा का भव्य मंदिर आज बना हुआ है. पुजारी लालजी पंडा ने बताया कि पुजारी की पांचवीं पीढ़ी माता की पूजा कर रही हैं.