दिल्ली की मंत्री आतिशी कहा कि पानी की बर्बादी पर आने वाले दिनों में चालान भी लग सकता है. पानी की बर्बादी पर दिल्ली सरकार चालान काटने पर विचार कर रही है. आतिशी ने कहा कि दिल्ली अपनी पानी की सप्लाई के लिए यमुना नदी पर निर्भर है. पिछले हफ्तों से हरियाणा ने दिल्ली के हिस्से का पानी छोड़ना बंद कर दिया है.
आतिशी ने कहा, “2023 में अप्रैल , मई और जून के महीने में मिनिमम वाटर मेंटेन रहा. हरियाणा ने दिल्ली के हिस्से का पानी देना बंद कर दिया है. आज से दिल्ली के कई हिस्सों में जहां 2 बार पानी की सप्लाई आती है, वहां 1 बार आयेगी.”
दिल्ली की मंत्री ने कहा कि सेकेंड टाइम पर हम उन इलाकों में पानी भेजेंगे जहां कम पानी है. दिल्ली के कुछ हिस्सों को पानी के बिना नहीं छोड़ सकते हैं. इसलिए पानी की सप्लाई का ध्यान से इस्तेमाल करें.
इसके साथ ही उन्होंने लोगों से को-ऑपरेट करने की अपील की और कहा कि गाड़ियों को खुली पाइप से ना धोएं. आज भी साउथ दिल्ली के कई रेजिडेंशियल एरिया में पानी से ऐसे गाड़ी धो रहे है.
आतिशी ने कहा कि यमुना नदी में कितना पानी आता है ये हरियाणा पर निर्भर करता है. इस साल 1 मई से ही दिल्ली ने हरियाणा के हिस्से का पानी देना कम कर दिया और लगातार यमुना का वाटर लेवल गिर रहा है. जब हरियाणा की तरफ से दिल्ली की यमुना नदी में पर्याप्त पानी नहीं छोड़ा जाता है तब यहां के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का अमाउंट घट जाता है. इससे दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में भेजे जाने वाली पानी की मात्रा भी घट जाती है.
दिल्ली की मंत्री ने साफ किया कि उन्होंने साफ किया कि अगर लगातार हरियाणा सरकार से पानी का लेवल यूंही घटता रहा तो हम सुप्रीम कोर्ट में जायेंगे.
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