झारखंड में दोबारा सरकार बनाने के बाद JMM रूठे नेताओं को मनाने में जुट गई है. झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी छोड़ कर गए नेताओं को वापस लाने प्लान बना रही है. इस बात का इशारा जेएमएम के राष्ट्रीय महासचिव सुप्रियों भट्टाचार्य का झारखंड चुनाव के बाद चंपई सोरेन की वापसी को लेकर आए बयान से हो गया है. जिसमें राष्ट्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि ‘अगर चंपई दादा आना चाहते हैं तो हम उनका स्वागत करेंगे. उनके लिए जेएमएम का दरवाजा हमेशा खुला है’ ऐसे में देखने वाली बात होगी की जेएमएम बीजेपी चंपई की वापसी कराकर झारखंड में एक और झटका देती है या फिर बीजेपी पूर्व सीएम चंपई को अपने पाले में बनाएं रखने में कामयाब होती है.
दरअसल झारखंड में विधानसभा चुनाव में प्रदेश की एसटी वर्ग के लिए आरक्षित 28 में से एकमात्र सीट पर जेएमएम को गठबंधन को बीजेपी से हार मिली है. झारखंड के सरायकेला सीट इकलौती सीट है जहां गैर जेएमएम प्रत्याशी की जीत हुई इस सीट पर जेएमएम से बीजेपी में आए पूर्व सीएम व जेएमएम के संस्थापक सदस्य रहे चंपई सोरेन विधायक निर्वाचित हुए है.
चंपई सोरेन वर्तमान में सरायकेलां विधानसभा सीट से विधायक हैं. चंपई झारखंड के पूर्व सीएम और जेएमएम के संस्थापक सदस्य रहे हैं. इस बार आदिवासियों के लिए आरक्षित 28 में से सिर्फ एक सीट पर जेएमएम गठबंधन को हार का सामना करना पड़ा है. वो सीट चंपई सोरेन की सरायकेला है.
बता दें कि चंपई सोरेने के वापसी के कयास चुनाव प्रचार के दौरान हुए घटनाक्रमों से लगाए जा रहे है. पूर्व सीएम चंपई सोरेन ने झारखंड विधानसभा के ठीक पहले पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था, झारखंड में चुनाव से पहले और चुनाव के बाद दोनों पार्टी में शामिल होने वाले नेताओं की लंबी लिस्ट है. चुनाव प्रचार के दौरान हेमंत और चंपई दोनों ने एक दूसरे का जिक्र तक नही किया दोनों ही एक दूसरे पर बोलने से बचते रहे. हाल ही में बिरसा मुंडा के परपोते की सड़क दुर्घटना के बाद अस्पताल में हुई मौत पर लापरवाही बरतने के मामले बीजेपी आक्रामक होकर सरकार को घेर रही है लेकिन चंपई सोरेन पूरे मामलें पर चुप्पी साधे हुए है. बताया जा रहा है कि जेएमएम चंपई सोरेन को केंद्र भेंज कर उनके बेेटे को इस सीट से विधायक बना सकती है या फिर हेमंत सरकार में पहले की तरह मंत्रिमंडल में शामिल किए जा सकते है.
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जेएमएम से बीजेपी में आए नेताओं को मिला हार
लोकसभा चुनाव से पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा छोड़ बीजेपी में आए शिबू सोरेन की बड़ी बहू सीता सोरेन दुमका संसदीय सीट से तथा विधानसभा चुनाव में जामताड़ा सीट से चुनाव हार गई इसके अलावा विधानसभा चुनाव से पहले विधायक लोबिन हेम्ब्रम भी जेएमएम छोड़ बीजेपी में आए और उन्हे भी हार का सामना करना पड़ा इसी तरह पूर्व विधायक दिनेश विलियम मरांडी ने भी बीजेपी का दामन थामा और लिट्टीपाड़ा सीट से चुनाव हार गए.
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