अतीश दीपंकर, भागलपुर. Academic Senate Meeting: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (TMBU) में आज गुरुवार को पहली बार एकेडमिक सीनेट की बैठक का आयोजन हुआ. बैठक की अध्यक्षता बिहार राज्य के कुलाधिपति सह राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने की. सीनेट की बैठक एसएम कॉलेज के परीक्षा भवन के प्रशाल में आयोजित की गई.

हवाई अड्डा से बैठक स्थल तक एसएम कॉलेज परिसर में कुलाधिपति के आगमन पर एनसीसी कैडेटों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया. वहीं, कॉलेज की छात्राओं और एनएसएस वोलेंटियर ने पुष्प वर्षा कर कुलाधिपति का स्वागत किया.

राज्यपाल ने किया सीनेट बैठक का उद्घाटन

कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने दीप प्रज्वलित कर एकेडमिक सीनेट की बैठक का उद्घाटन किया. इसके बाद उन्होंने मंच पर रखे स्वतंत्रता सेनानी तिलकामांझी की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया. इस अवसर पर कुलपति प्रो. जवाहर लाल ने कुलाधिपति का स्वागत अंग वस्त्र, मोमेंटो और औषधीय पौधा भेंट कर किया.

‘केवल डिग्री देना विश्वविद्यालय का उद्देश्य नहीं’

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलाधिपति आर्लेकर ने कहा कि, विश्वविद्यालय का उद्देश्य केवल डिग्री और नौकरी देना ही नहीं है. बल्कि छात्रों को आत्मनिर्भर बनाना भी है. छात्रों के अंदर स्किल डेवलपमेंट कर उन्हें उद्यमी बनने के लिए भी प्रेरित करें ,ताकि छात्र अपने हुनर और मेहनत के बल पर नौकरी लेने वाला नहीं बल्कि नौकरी देने वाला बन सके. छात्रों को अपने पैरों पर खड़े होने के लिए भी सोचने की जरूरत है. स्वरोजगार को बढ़ावा दें.

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‘विश्वविद्यालय को मिले नियुक्ति का अधिकार’

वहीं, कुलपति प्रो. जवाहर लाल ने अपने संबोधन में कहा कि, विश्वविद्यालय कम से कम 5 गांव को गोद लेकर उसे विकसित करें, संभारें विश्वविद्यालय के छात्रों को उन गांवों में भेज कर वहां की सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक आदि चीजों का सर्वेक्षण कराए. सरकार की योजनाओं को उन गांवों तक पहुंचाने में मदद करें. शिक्षकों की नियुक्ति का अधिकार विश्वविद्यालय को मिले ताकि जरूरत के हिसाब से विश्वविद्यालय स्वयं योग्य शिक्षकों की भर्ती समय समय पर कर सके. इससे शिक्षकों की कमी भी दूर हो सकेगी. इस काम में विकेंद्रीकरण जरूरी है.

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