लखनऊ. उत्तर प्रदेश के एटा जिले के कासगंज कस्बे में हुई सांप्रदायिक हिंसा ने सूबे के सियासी तापमान को एकाएक गर्मा दिया. 26 जनवरी के दिन हुई इस घटना ने देश के सामाजिक तानेबाने पर भी सवालिया निशान खड़े कर दिए थे.
घटना के मुख्य आरोपी जहां गिरफ्तार हो चुके हैं वहीं घटना में मृत युवक चंदन गुप्ता के परिजनों ने बताया कि तिरंगा यात्रा के ठीक एक दिन पहले चंदन ने एक जरूरतमंद मुस्लिम युवक को अपना खून दिया था. परिजनों का कहना है कि चंदन गरीबों को खाना खिलाने, उन्हें मुफ्त कपड़े देने और उनको दवाईयां उपलब्ध कराने का काम करता था. 26 जनवरी को जब कुछ सांप्रदायिक और देश विरोधी तत्वों ने उसकी गोली मारकर हत्या कर दी. उसके कुछ घंटे पहले ही चंदन ने एक जरुरतमंद मुस्लिम युवक को खून देकर उसकी जान बचाई थी.
चंदन गुप्ता के परिजनों ने कहा कि अगर भारत में रहकर वंदे मातरम और भारत माता की जय कहना नाजायज है तो उनके बेटे ने ये अपराध किया है. चंदन के परिजनों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से चंदन के हत्यारों को सजा दिलाने और बेटे को इंसाफ देने की मांग की है.
गौरतलब है कि 26 जनवरी को कासगंज में निकाली गई तिरंगा यात्रा के दौरान चंदन गुप्ता की दूसरे समुदाय के लोगों द्वारा चलाई गई गोली में हत्या कर दी गई थी. इसके बाद कई दिनों तक कासगंज में कर्फ्यू लग गया था और बमुश्किल प्रशासन कस्बे में स्थिति नियंत्रण में कर पाई थी.