नई दिल्ली: डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम के रेप के मामले और उससे जुड़ी करतूतों को दुनिया के सामने लाने वाले पत्रकार राम चंदेर छत्रपति के परिवार को भी अब इंसाफ की आस जगी है. बाबा की करतूतों को सबसे पहले दुनिया के सामने लाने वाले पत्रकार पत्रकार की हत्या कर दी गई थी. हत्या का आरोप राम रहीम पर लगा.

गौरतलब है कि छत्रपति की हत्या का मामला जस्टिस जगदीप सिंह कर रहे हैं जिन्होंने डेरा प्रमुख राम रहीम को सज़ा सुनाई है. अंशुल का कहना है कि मेरे पिता का मामला भी वही न्यायाधीश देख रहे हैं. इस मामले की सुनवाई 16 सितम्बर को होने वाली है. साध्वियों के यौन उत्पीड़न के मामले का भंडाफोड़ छत्रपति ने ही अपने अखबार पूरा सच में छापा था.

राम चंदेर के बेटे अंशुल ने साध्वी बलात्कार मामले में फैसला आने पर खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि अब उन्हें भी इंसाफ मिलने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि फैसले ने साबित कर दिया कि सीबीआई न्यायधीश ने दबाव में काम नहीं किया. उन्होने साबित कर दिया कि कोई फर्जी साधु नहीं बच सकता. इससे आम आदमी की न्यायपालिका में आस्था बढ़ी है.

पत्रकार के 36 वर्षीय बेटे ने उन दो शिष्याओं की प्रशंसा की जिन्होंने काफी धमकियां मिलने के बावजूद डेरा प्रमुख के खिलाफ गवाही पर कायम रहीं.

साल 2002 में गुमनाम लड़कियों ने डेरा के अंदर हो रहे यौन उत्पीड़न को लेकर चिट्ठियां लिखी थी. इसके बाद छत्रपति ने इस मामले में जांच शुरू की. अपने पत्र में छत्रपति ने एक गुमनाम पत्र को छाप दिया था. इसमें दो साध्वियों के साथ रेप और हिंसा की बात पर बहुत ही मार्मिक घटना का जिक्र किया गया था. इसके बाद 24 अक्तूबर 2002 को नजदीक से उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.