Chandigarh: CBI ने कोर्ट परिसर से डॉक्टर के अपहरण के मामले में क्राइम ब्रांच के 7 पुलिसकर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज किया है. इस केस की जांच सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 6 अगस्त, 2024 को CBI को सौंपा था. पुलिसकर्मियों के खिलाफ साल 2024 में जिला कोर्ट परिसर से एक डाॅक्टर के अपहरण मामले में यह केस दर्ज किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को केस सौंपते हुए डॉक्टर मोहित धवन द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया था, जिसके बाद CBI ने जांच शुरू की थी.

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दरअसल डॉक्टर मोहित धवन ने आरोप लगाया था कि चंडीगढ़ के पुलिसकर्मियों ने साल 2022 में 7 जनवरी की सुबह करीब 10.30 बजे सेक्टर 43 स्थित कोर्ट परिसर से उनका अपहरण कर लिया था. जिसके बाद में शाम को उनको गिरफ्तार दिखाया गया था. पूरे मामले में CBI ने केस दर्ज करने के बाद अपनी जांच शुरू की थी. जांच में पता चला कि डॉक्टर धवन वास्तव में उस दिन अदालत में मौजूद थे.

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डॉक्टर के बताए अनुसार चार पुलिसकर्मी एक आई-20 कार में उनको जबरन अपने साथ ले गए. CBI के एक अधिकारी ने बताया कि उसी दिन शाम 6.32 बजे सेक्टर 43 स्थित आईएसबीटी से पुलिसकर्मियों ने उसकी गिरफ्तारी दिखाई थी. जिसके बाद डॉक्टर धवन को अगले दिन कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उनको सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था.

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डॉक्टर मोहित धवन को इसके बाद 4 फरवरी, 2022 तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया, जो 5 फरवरी को रिहा कर दिए गए. शुरुआती जांच के निष्कर्षों के आधार पर CBI ने इंस्पेक्टर हरिंदर सिंह सेखों, सब-इंस्पेक्टर सुरेश कुमार, सहायक सब-इंस्पेक्टर अजमेर सिंह, हेड कांस्टेबल अमित कुमार, कांस्टेबल विकास हुड्डा, सुभाष और नीरज कुमार के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज किया है.

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