चंडीगढ़. पीजीआई में सुरक्षा प्रबंधों को मजबूत करने के लिए बनाई गई सब-कमेटी ने कई महत्वपूर्ण सिफारिशें की हैं. इन सिफारिशों में पुलिस के सहयोग से अस्पताल के सुरक्षा स्टाफ को विशेष प्रशिक्षण देना, प्रवेश द्वारों पर अलार्म सिस्टम लगाना और क्विक रिस्पांस टीम (QRT) के लिए सुरक्षा पृष्ठभूमि वाले अधिकारियों की भर्ती करना शामिल है. इसके अलावा, पीजीआई कर्मचारियों के लिए एक समर्पित हेल्पलाइन नंबर शुरू करने का भी प्रस्ताव किया गया है.
इस सुरक्षा जांच सूची को महिला सुरक्षा कमेटी के सामने प्रस्तुत किया जाएगा, जो इसे लागू करने के लिए दिशा-निर्देश तैयार करेगी. सुप्रीम कोर्ट के सुरक्षा संबंधी निर्देशों के पालन में पीजीआई ने 17 अगस्त को महिला सुरक्षा कमेटी का गठन किया था. इस कमेटी के अधीन कार्य कर रही एक सब-कमेटी ने विभिन्न हितधारकों से सलाह लेकर सुरक्षा दिशा-निर्देश तैयार किए हैं, जिन्हें जल्द ही लागू किया जाएगा.
- एक समर्पित हेल्पलाइन ‘1111’ शुरू की जाएगी, ताकि पीजीआई स्टाफ आपात स्थिति में त्वरित सहायता प्राप्त कर सके. रात की गश्त बढ़ाई जाएगी, खासतौर पर उन क्षेत्रों में जहां मरीज दाखिल हैं और मेडिकल स्टाफ की अधिक आवाजाही होती है. सुरक्षा कर्मियों की संख्या बढ़ाई जाएगी और एक QRT टीम का गठन किया जाएगा. पीजीआई के सभी कर्मचारियों के लिए हर समय पहचान पत्र पहनना अनिवार्य किया जाएगा. मौजूदा सीसीटीवी कैमरों को अपग्रेड किया जाएगा ताकि खामियों का पता लगाया जा सके.
- विभिन्न स्थानों पर सुरक्षा गार्डों की तैनाती बढ़ाई जाएगी. अस्पताल के स्टाफ के लिए अलग ड्यूटी रूम और चेंजिंग रूम की व्यवस्था की जाएगी. संवेदनशील क्षेत्रों में बायोमेट्रिक दरवाजे लगाए जाएंगे और कर्मचारियों के लिए सेंसर कार्ड आधारित एंट्री प्रणाली लागू की जाएगी. गलियारों और महत्वपूर्ण स्थानों पर पर्याप्त रोशनी के इंतजाम किए जाएंगे.
- अस्पताल के परिसर में सौर ऊर्जा आधारित लाइटों की स्थापना पर विचार किया जाएगा. महिलाओं की सुरक्षा के लिए सभी क्षेत्रों में पैनिक बटन की सुविधा दी जाएगी, जिसका उपयोग आपात स्थिति में किया जा सकेगा. पीजीआई स्टाफ और छात्रों के लिए एक मोबाइल ऐप तैयार की जाएगी, जो वास्तविक समय की लोकेशन शेयरिंग, आपातकालीन अलर्ट और सुरक्षा टीमों से तुरंत संपर्क करने की सुविधा प्रदान करेगी.
आत्मरक्षा प्रशिक्षण सुझाव:
महिला कर्मचारियों और छात्राओं को निजी सुरक्षा के लिए बुनियादी आत्मरक्षा के हुनर सिखाने के लिए नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने का भी सुझाव दिया गया है. सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा और नियमित फीडबैक की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी, जिसमें कर्मचारी अपनी चिंताएं और सुझाव गुमनाम रूप से दर्ज कर सकेंगे. अधिकारी समय-समय पर इन सुझावों पर कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे.
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