Chandra Grahan 2025: ग्रहण काल को शास्त्रों में अद्भुत साधना का समय माना गया है. आज 7 सितंबर का पूर्ण चंद्र ग्रहण केवल खगोलीय घटना नहीं, बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण अवसर है. मान्यता है कि इस समय किया गया मंत्र जाप और दान साधारण समय की तुलना में हजार गुना फल देता है. आज का यह ग्रहण काल केवल दर्शन का अवसर नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि, ग्रह शांति और आध्यात्मिक साधना का विशेष समय है.

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Chandra Grahan 2025
Chandra Grahan 2025

शास्त्रों का उल्लेख (Chandra Grahan 2025)

स्कंद पुराण के अनुसार, ग्रहण काल में जप करने से मनुष्य पापों से मुक्त होकर पुण्य प्राप्त करता है. नारद संहिता कहती है कि इस दौरान किया गया मंत्र जाप सहस्त्रगुणा फलदायी होता है. चंद्र ग्रहण विशेष रूप से मन, मानसिक शांति और रिश्तों से जुड़ा माना गया है.

ग्रहण में श्रेष्ठ मंत्र

  • महामृत्युंजय मंत्र – भय, रोग और पीड़ा से मुक्ति हेतु
  • गायत्री मंत्र – सर्वग्रह दोष शांति और आध्यात्मिक उन्नति हेतु
  • चंद्र मंत्र – ॐ सोम सोमाय नमः (मानसिक अशांति और रिश्तों के तनाव शमन हेतु)

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ग्रहदोष शांति मंत्र (Chandra Grahan 2025)

  • सूर्य – ॐ घृणि सूर्याय नमः
  • मंगल – ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः
  • बुध – ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः
  • गुरु – ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः
  • शुक्र – ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः
  • शनि – ॐ शं शनैश्चराय नमः (साढ़ेसाती व ढैय्या शांति हेतु)
  • राहु – ॐ भ्राम् भ्रिं भ्रौं सः राहवे नमः
  • केतु – ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं सः केतवे नमः

चंद्र ग्रहण का समय (भारत में)

  • आरंभ: 7 सितंबर रात 9:58 बजे
  • पूर्ण चंद्र ग्रहण: रात 11:00 से 12:22 बजे तक
  • समाप्ति: 8 सितंबर तड़के 1:26 बजे

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