रायपुर। छत्तीसगढ़ चंद्राकर समाज ने कुशाभाउ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय का नाम पूर्व सांसद और वरिष्ठ पत्रकार रहे चंदूलाल चंद्राकर के नाम पर किए जाने पर विधायक व पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के विरोध पर कड़ा ऐतराज जताया है. उन्होंने अजय चंद्राकर के बयान को ओछी राजनीति का परिचायक बताते हुए कहा कि वे छत्तीसगढ़िया के साथ ही समाज के भी विरोधी हैं.

चंद्राकर समाज के केंद्रीय अध्यक्ष अश्वनी चंद्राकर, पूर्व विधायक प्रतिमा चंद्राकर व बैजनाथ चंद्राकर ने कहा कि कुशाभाउ ठाकरे का न तो छत्तीसगढ़ से किसी प्रकार का जुड़ाव रहा है और न ही पत्रकारिता में रहा है. ऐसे में कुशाभाउ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय का नामकरण चंदूलाल चंद्राकर के नाम से करने का राज्य सरकार का फैसला सराहनीय है.

उन्होंने कहा कि चंदूलाल चंद्राकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पत्रकार रहे हैं और छत्तीसगढ़ से राष्ट्रीय और विश्व पटल पर वे पत्रकारिता के आधार स्तंभ रहे हैं. ऐसे में चंदूलाल चंद्राकर के नाम से विश्वविद्यालय को जाना व पहचाना जाना चाहिए. ऐसी महान विभूति के नाम पर पत्रकारिता विश्वविद्यालय का नामकरण किया जाना हर छत्तीसगढ़वासियों के लिए गर्व की बात है. उन्होंने पूर्व मंत्री व विधायक अजय चंद्राकर के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि वे शुरू से समाज के विरोधी रहे हैं और छत्तीसगढ़ियों के भी विरोधी हैं. उनके बड़बोलेपन के कारण भाजपा ने उन पर कभी विश्वास नहीं किया. इसी वजह से वे अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं और उलजुलूल बयानबाजी कर रहे हैं.

पूर्व विधायक और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बैजनाथ चंद्राकर ने कहा कि चंदूलाल चंद्राकर देश के जाने-माने समाचार पत्र हिंदुस्तान टाइम्स के संपादक रहे. वे छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण सर्वदलीय मंच के अध्यक्षीय मंडल में भी रहे और उन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ का नाम न केवल राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया बल्कि छत्तीसगढ़ राज्य गठन का मार्ग प्रशस्त करने वाले आंदोलन के केंद्र बिंदु की भूमिका भी निभाई. ऐसी महान विभूति के नाम पर पत्रकारिता विश्वविद्यालय का नामकरण किया जाना हर छत्तीसगढ़ वासी के लिए गौरव की बात है. इसका विरोध करके भाजपा नेता अजय चंद्राकर ने अपनी और भाजपा की छत्तीसगढ़ विरोधी और समाज विरोधी सोच उजागर कर दी है.