देश में धर्मांतरण का जाल फैलाने की साजिश करने वाला छांगुर बाबा भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने का सपना देख रहा था. वह देश को मुस्लिम राष्ट्र बनाना चाहता है. ये खुलासा किसी और ने नहीं, बल्कि उसके करीबी मोहम्मद अहमद ने किया है. इस तथाकथित बाबा ने अपने इस काम के लिए फौज भी तैयार कर रखी थी. हालांकि वह इसमें कामयाब नहीं हो सका. जिसका धर्मांतरण ये करा चुका था उसमें से कुछ लोग घर वापसी भी कर चुके हैं. वहीं एक महिला जिसका धर्मांतरण छांगुर ने कराया था उसने प्रमुख सचिव ने मुलाकात कर उसके नेटवर्क से जुड़े लोगों पर कड़ी कार्रवाई की भी मांग की है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अहमद ने बताया कि छांगुर बाबा का सपना हिंदुस्तान को मुस्लिम राष्ट्र बनाने का था. मोहम्मद अहमद ने कहा कि उसका इससे कोई संबंध नहीं है. वो 2023 में बाबा से मिला था और बस जमीन के सिलसिले में बाबा ने 49 लाख 80 हजार रुपये दिए थे. लेकिन बाकी के पैसे नहीं दिए. जिसके बाद उसने उसे कोर्ट में घसीटा. फिर बाबा से विवाद होने के बाद अहमद ने दूरी बना ली.
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बता दें कि छांगुर बाब से पूछताछ में लगातार बड़े-बड़े खुलासे हो रहे हैं. शुक्रवार को ही एक नया खुलासा हुआ था कि छांगुर बाबा की सांठगांठ सिर्फ कुछ कट्टरपंथी संगठनों से ही नहीं थी, बल्कि वो नेपाल सीमा से सटे उत्तर प्रदेश के सात संवेदनशील जिलों में सक्रिय ईसाई मिशनरियों के साथ भी मिला हुआ था. छांगुर बाबा ने ईसाई मिशनरियों के लोगों को पैसे देकर उनसे दलित, वंचित, बीमार और आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों की जानकारी लेता था. फिर उनकी मदद करने के बहाने उनका ब्रेनवॉश कर उनका धर्मांतरण करता था. वहीं पैसों का हिसाब-किताब छांगुर की करीबी नसरीन रखती थी. वहीं नवीन नाम का शख्स स्थानीय पुलिस और प्रशासन से साठगांठ कर पूरे नेटवर्क को संभालता था.
हिंदुओं के धर्मांतरण का ‘मास्टर’ प्लान
छांगुर बाबा ने पूछताछ में बताया कि वह हिंदू परिवार का धर्मांतरण कराने के लिए उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन और नवीन उर्फ जमालुद्दीन के नाम का सहारा था. वह लोगों को बताता था कि ये दोनों पहले सिंधी थे. इस्लाम कबूल करने के बाद दोनों की जिंदगी पूरी तरीके से बदल गई है. पैसे, मंहगी कार, कोठी सब हैं इन दोनों के पास. शुरुआती जांच में 100 करोड़ की फंडिग की बात सामने आई थी. जिसके बाद से छांगुर बाबा के खिलाफ ईडी की कार्रवाई तेज हो गई है. छांगुर के सहयोगी नवीन उर्फ जमालुद्दीन के 7 बैंक खातों की जानकारी ईडी को मिली है. आगे और कई बड़े खुलासे होने के आसार हैं.
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छांगुर बाबा पर था 50 हजार का इनाम
उत्तर प्रदेश एटीएस ने धर्मांतरण गिरोह के मुख्य सरगना जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को गिरफ्तार कर लिया है. इस पर 50,000 रुपये का इनाम घोषित था. उसके साथ ही महिला सहअभियुक्ता नीतू उर्फ नसरीन को भी गिरफ्तार किया गया है. छांगुर बाबा पर विदेशी फंडिंग के जरिए गरीब, असहाय और युवतियों का ब्रेनवॉश कर इस्लाम धर्म स्वीकार कराने का गंभीर आरोप है. इतना ही नहीं इस पर पहले से कई मामले दर्ज हैं.
जाति के आधार पर रेट तय
अलग-अलग जाति और धर्म की लड़कियों का धर्म परिवर्तन कराने पर गिरोह को लाखों रुपये मिलते थे. जैसे ब्राह्मण, सरदार और क्षत्रिय लड़कियों को 15 से 16 लाख रुपये दिए जाते थे. पिछड़ी जाति की लड़कियों को 10 से 12 लाख रुपये और अन्य जाति की लड़कियों को 8 से 10 लाख रुपये दिए जाते थे. छांगुर बाबा बलरामपुर के रेहरा माफी गांव का रहने वाला है. एटीएस ने उसे ग्राम मधपुर से गिरफ्तार किया है.
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लड़कियों से करीबी बढ़ाते थे, फिर…
गिरोह के लोग पहले लड़कियों से करीबी बढ़ाते थे, फिर उन्हें प्रेमजाल में फंसाकर छांगुर बाबा की दरगाह ले जाकर इस्लाम धर्म कबूल कराते थे. इसके बाद युवती का नाम बदल दिया जाता था. गिरोह के सदस्यों ने 40 से ज्यादा बार इस्लामिक देशों की यात्रा की है. 100 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का लेन-देन 40 से ज्यादा बैंक खातों में हुआ है. इस मामले में महबूब जलालुद्दीन (छांगुर बाबा) के बेटे को गिरफ्तार किया जा चुका है. दोनों फिलहाल लखनऊ जेल में बंद हैं.
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