अगर आपकी कोई मनोकामना लंबे समय से अधूरी है, काम बनते-बनते बिगड़ जाते हैं या अंदर से आत्मबल कमजोर महसूस होता है तो सिर्फ 9 दिन तक एक छोटा-सा मंत्र जपना आपकी ज़िंदगी की दिशा बदल सकता है. वेदों और पुराणों में सबसे शक्तिशाली पंचाक्षरी मंत्र माना गया है “ॐ नमः शिवाय” यह मंत्र भगवान शिव को समर्पित है, जिन्हें कल्याण और परिवर्तन का देवता माना जाता है.

विशेषज्ञों के अनुसार अगर कोई व्यक्ति लगातार 9 दिन तक रोज़ 108 बार इस मंत्र का जप करता है, तो उसकी मानसिक स्थिति बदलने लगती है. आत्मबल बढ़ता है, मन शांत रहता है और कामों में सकारात्मक ऊर्जा आने लगती है.

यह मंत्र जपने का सही तरीका

सुबह स्नान कर साफ स्थान पर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठें. रुद्राक्ष की माला से 108 बार “ॐ नमः शिवाय” मंत्र जपें. हर दिन यह क्रिया एक ही समय पर करें – इससे मानसिक अनुशासन भी बढ़ता है. चाहें तो भगवान शिव की तस्वीर या शिवलिंग के सामने दीपक जलाकर भी जप कर सकते हैं. विज्ञान की दृष्टि से भी मंत्रोच्चारण से उत्पन्न होने वाली ध्वनि तरंगें मस्तिष्क को शांत करती हैं और शरीर के भीतर ऊर्जा का प्रवाह संतुलित करती है.