शुभम जायसवाल, राजगढ़। मध्य प्रदेश के राजगढ़ में आयोजित नवीन जिला अस्पताल की बिल्डिंग पर नर्सिंग कॉलेज के वर्चुअल भूमिपूजन कार्यक्रम में जमकर बवाल हुआ। शिलालेख पर कांग्रेस जिला पंचायत अध्यक्ष का नाम नहीं होने से ओर प्रोटोकॉल की अनदेखी पर बवाल खड़ा हो गया। वहीं, दूसरी ओर सरकार के मंत्री गौतम टेटवाल ने भी कार्यक्रम व्यवस्थाओं को लेकर नाराजगी जताई।  

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वहीं, भाजपा महामंत्री भी कार्यक्रम की सूचना नहीं होने पर सरकारी अधिकारी को फटकार लगाते नजर आए। इस दौरान मंच पर अतिथि उद्बोधन के बाद वर्चुअल के माध्यम से चल रह कार्यक्रम को सुनने के लिए बहुत कम लोग नजर आए और खाली कुर्सियां भी देखने को मिली। 

कांग्रेस जिला पंचायत अध्यक्ष चंदरसिंह सोंधिया प्रोटोकॉल का पालन और शिलालेख पर नाम की कमी पर सख्त नाराजगी जताते हुए अधिकारी पर भड़क उठे। उन्होंने सवाल किया, “क्या जिला पंचायत अध्यक्ष का कोई प्रोटोकॉल नहीं है?” प्रोटोकॉल के इस विवाद के बीच अध्यक्ष चंदरसिंह सोंधिया नीचे जमीन पर धरने पर बैठ गए। मंत्री गौतम टेटवाल और कलेक्टर को भी मंच से उतरना पड़ा और जिला पंचायत अध्यक्ष को दोनों ने  समझा कर मनाया गया जब कहीं अध्यक्ष को मंच पर आए।

मंत्री गौतम टेटवाल ने भी कार्यक्रम की असंगठित व्यवस्थाओं पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि पहले एक जगह कार्यक्रम तय होता है और फिर आखिरी समय में स्थान परिवर्तन किया जाता है। टेटवाल बोले, “बदलाव जरूरी है, पहले से तय किया करें कि कार्यक्रम कहां होगा।”

मंच पर उपस्थित मंत्री नारायण सिंह पवार ने भी इस मुद्दे पर चिंता जाहिर की। उन्होंने ब्यावरा में जल्द ट्रामा सेंटर शुरू किए जाने की बात करते हुए कहा कि राजगढ़ के पुराने अस्पताल की सुविधाएं कभी इतनी अच्छी थीं कि यहां राजस्थान से भी लोग इलाज के लिए आते थे। उन्होंने वर्तमान हालात पर चिंता जताते हुए कहा, “अस्पताल की स्थिति सुधरनी चाहिए ताकि लोगों को दिक्कत न हो।”

राजगढ़ का यह कार्यक्रम भले ही नर्सिंग कॉलेज के भूमिपूजन के लिए था, लेकिन मंच पर जनप्रतिनिधियों और मंत्रियों की नाराजगी ने व्यवस्थाओं की पोल खोल दी।

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