रायपुर। डॉ. महादेव प्रसाद पांडेय नालंदा पुस्तकालय अव्यवस्था का शिकार हो गया है. लाइब्रेरियन पर लगातार तानाशाही का आरोप लगाया जा रहा है. समस्या बताने पर एफआईआर कराकर भविष्य खराब करने की धमकी दी जाती है. सदस्य तानाशाही से परेशान हैं. इसी को लेकर सदस्यों ने 10 सूत्रीय मांगों को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.

नालंदा के मेम्बरों ने बताया कि डॉ.महादेव प्रसाद पाण्डेय नालंदा लाइब्रेरी परिसर जो कि पूरे छत्तीसगढ़ में अध्ययन के केंद्र बिंदु के रूप में उभरा है, आज सत्ताधीन एक गलत व्यक्ति के कार्य अक्षमता और दुर्व्यवहार से मेम्बरों और युवाओं के बीच अपनी पहचान खो रहा है.

यहां मुख्य लाइब्रेरियन मंजुला जैन द्वारा लगातार पिछले कई महीनों से मेंबरों से अत्यधिक दुर्व्यवहार और बदले की कार्रवाई की जा रही है. लाइब्रेरी से जुड़ी मेंबरों की समस्याओं की शिकायत करने पर उनके द्वारा पुलिस में FIR कराने की, लाइब्रेरी से निष्कासित कर देने की धमकी दी जाती है.

इसके साथ ही उनकी नेतृत्वहीनता और उनके निर्णयन न कर पाने के अवगुण भी लाइब्रेरी के संचालन में बाधक बन गए है. मामले की गंभीरता को देखते हुए बीते माह 6-09-2021 को सैकड़ों मेंबरों एवं NSUI के ने विशाल धरना प्रदर्शन किया गया था. साथ ही लाइब्रेरियन के इसी दुर्व्यवहार की समस्या को स्वीकारते हुए नोडल अधिकारी केदार पटेल सर जी द्वारा मेंबरों को लाइब्रेरियन के भविष्य में अच्छा व्यवहार करने की लिखित में आश्वासन दिया गया था, लेकिन मैडम का दुर्व्यवहार जारी है, इसलिए आज रायपुर कलेक्टर ज्ञापन सौंपा गया है.

ये हैं 10 सूत्रीय मांग

लाइब्रेरियन मंजुला जैन प्रतिदिन 1.30 बजे ही ड्यूटी में आती हैं, जबकि उनका Official वर्क टाइमिंग सुबह 10 से शाम 6 तक का है.

मैडम द्वारा बिना आधार का तुगलकी फ़रमान निकाला जाता है, जो मेंबरों को भुगतना होता है, जैसे-धूप में खड़े होना, बैग साथ रखने के लिए प्रतिज्ञा पत्र भरना, पानी बॉटल भूल जाने पर 100 रुपये का फाइन देना.

लाइब्रेरी में वर्तमान सीटों (800) और मेंबरों को दिए एडमिशन(2500) में किसी भी तरह से कोई भी मैडम ने सुनवाई नहीं की, जिससे जगह की समस्या मुहाने में खड़ी हो चुकी हैं.

उनके निदेशानुसार BOOK ISSUE RETURN SLIP न लगवाकर हज़ारों मेंबरों से अनावश्यक आर्थिक दंड वसूल करना.

बिना किसी आदेश के BPL वालों से 200 की जगह 500/- रुपये फीस की वसूली की गई, जिसके खिलाफ भीषण आंदोलन हुआ.

सदस्यों से सामूहिक दुर्व्यवहार का इतिहास और वर्तमान में बदले की कार्रवाई करना

सदस्यों के लाइब्रेरी में भूलवश छूटे नोट्स/बुक को इन्होंने रद्दी में बेच दिया और सदस्यों के कैरियर के साथ खिलवाड़ किया गया.

हमारे समस्याओं के लिए किए गए शांतिपूर्ण विरोध को इनके द्वारा हिंसात्मक रंग दिया गया, जिससे लाइब्रेरियन मैडम, मेंबरों का निष्कासन करवा सके.

लाइब्रेरी में अव्यवस्था चरम पर है, पूरी लाईटें जलती नही सर्प की उपस्थिति से मेंबरों के जीवन को खतरा है, मैन्टेन्स के नाम पर केवल घास छिलाई होती है.

दलदली ड़ेंगू तालाब के संबंध में उनके द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती, बदबू से सभी परेशान हैं.

सवाल पूछने पर एफआईआर करा कर भविष्य बर्बाद करने की धमकी दी जाती है.