
आरिफ कुरैशी, श्योपुर। मध्य प्रदेश में श्योपुर जिला अस्पताल की अव्यवस्थाओं का एक और नया मामला सामने आया है। जहां शव वाहन न मिलने के कारण एक गरीब किसान को अपनी मां का शव ऑटो में ले जाना पड़ा। जहां रविवार की शाम उपचार के दौरान 75 वर्षीय एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई। हैरान कर देने बाली बात तो यह रही कि, बुजुर्ग की मौत होने के बाद उनके शव को अस्पताल से घर पहुंचाने के लिए शव वाहन ही नहीं मिला। जिसके बाद बेटे ने ऑटो में शव रखकर 160 किलोमीटर का लेकर गया
मामला श्योपुर के जिला अस्पताल का है। जहां विजयपुर के दोर्द गांव निवासी 75 वर्षीय बुजुर्ग नारायणी बाई की रविवार की शाम करीब 6:00 बजे उपचार के दौरान मौत हो गई। इसके बाद उनका बेटा बृजेश लगातार डॉक्टरों से शव वाहन बुलवाने के लिए कहते रहे लेकिन, सोमवार को सुबह 10:00 बजे तक किसी ने शव वाहन का इंतजाम नहीं कराया। परेशान होकर गरीब किसान ने 5 हजार रुपए किराया देकर ऑटो से अपनी मां का शव श्योपुर से अपने गांव लेकर पहुंचा।
ऑटो में शव ले जाते देखकर अस्पताल परिसर में मौजूद भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष बृजराज सिंह चौहान और बसपा नेता बिहारी सिंह सोलंकी भी पहुंच गए। जिन्होंने मृतिका के परिजनों से हालात जाने और इस बिगड़ी हुई व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि, जब 6 महीने पहले जिला अस्पताल में शव वाहन खरीदकर लाया जा चुका है, तो फिर उसे शव ले जाने उपलब्ध क्यों नहीं कराया जाता। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन के अधिकारियों पर लापरवाही बरतने के आरोप भी लगाए।
इस बारे में जिले के सीएमएचओ डॉ दिलीप सिंह सिकरवार का कहना है कि, करीब 8 महीने पहले जिला अस्पताल में शव वाहन खरीदा गया था। 12-12 घंटे ड्यूटी के लिए 2 ड्राइवरों का प्रावधान कराया गया। डीजल पेट्रोल की व्यवस्था रोगी कल्याण समिति से करने की योजना बनी थी, कलेक्टर साहब ने इसकी अनुशंसा की थी। फिर भी अगर शव वाहन नहीं चलाया जा रहा तो यह गंभीर विषय है।
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