नई दिल्ली। उत्तराखंड चार धाम यात्रा 2023 की शुरुआत गंगोत्री, और यमुनोत्री धामों के कपाट 22 अप्रैल के खुलने के साथ शुरू हो गई. केदारनाथ के कपाट 25 अप्रैल, और बदरीनाथ के कपाट 27 अप्रैल को सुबह 6 बजे खुल गए. चार धाम यात्रा का हिंदू धर्म में बहुत धार्मिक महत्व है. ऐसा कहा जाता है कि जब एक तीर्थयात्री चार धाम यात्रा पूरी करता है, तो उसे मन की पूर्ण शांति प्राप्त होती है.

चार तीर्थों का महत्व

चार धाम यात्रा का प्रारंभिक बिंदु हरिद्वार है, जहां से तीर्थयात्री चार पवित्र तीर्थों की यात्रा शुरू करते हैं. सबसे पहले, वे यमुनोत्री जाते हैं, फिर प्रसिद्ध गंगोत्री, उसके बाद केदारनाथ धाम और अंत में बद्रीनाथ धाम में तीर्थ यात्रा करते हैं. चार धाम यात्रा में इस तरह के क्रम का पालन करने के कारण हैं, और साथ ही इन चार तीर्थों में से प्रत्येक का अपना महत्व है.

कैसे करें यात्रा की शुरुआत

यात्रा की शुरुआत में ही आपको बायोमेट्रिक पंजीकरण कराना अनिवार्य होता है. इसके लिए आपको देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल पर जाना होता है, और दी गई सभी जानकारियों को फिल करना पड़ता है. चार धाम यात्रा में बसों और टैक्सी के किराए से लेकर खाने-पीने और ठहरने को लेकर खर्च बजट की.

सबसे पहले बात करते है यात्रा के बजट की

साधारण बस से चार धाम घूमने पर आपको 3170 रुपये खर्च करने होंगे, तो तीन धाम के लिए 2560 रुपये, दो धाम के लिए 1810 रुपये और एक धाम के लिए 1330 रुपये. इसी तरह लग्जरी बस साधारण बस से चार धाम घूमने पर आपको 4820 रुपये, तीन धाम के लिए 3890 रुपये, दो धाम के लिए 2750 रुपये और एक धाम के लिए 2020 रुपये खर्च करने होंगे.

टैक्सी (4 सीटर)-

अगर आप टैक्सी से चार धाम की यात्रा करना चाहते हैं तो 30000 रुपये खर्च करने होंगे. इसी तरह तीन धाम के लिए 25000 रुपये, दो धाम के लिए 17000 रुपये और एक धाम के लिए 10500 खर्च करने होंगे. चारधाम यात्रा मार्ग में तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए सैकड़ों होटल, धर्मशालाएं, रेस्टोरेन्ट और ढाबे खुले हैं. चार धाम यात्रा में एक व्यक्ति दिन में 300 रुपये खर्च कर साधारण खाना खा सकता है. 10 दिन में पूरी होने वाली चारधाम यात्रा में ठहरने के लिए कई होटल, धर्मशालाएं आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं.

अगर आप अकेले हैं तो सिंगल बेड 200 से 300 रुपये में मिल सकता है और अगर परिवार के साथ अलग रहना चाहें तो 500 से 5000 रुपये प्रतिदिन में कमरा मिल जाएगा. हालांकि, 5 मई से 25 जून तक, जब चार धाम यात्रा पीक पर होती है, भारी मांग के चलते ठहरने का खर्च बढ़ सकता है.

इन चीजों को अवश्य के साथ में

चार धाम यात्रा में गर्म कपड़े, कंबल रखना आवश्यक होता है. केदारनाथ और यमुनोत्री में पैदल खड़ी चढ़ाई भरा रास्ता है, और इसके लिए लाठी और पहाड़ों पर आसानी से चढ़ने के लिए आरामदायक जूते-चप्पल रखने चाहिए. पहाड़ में तुरन्त बदलने वाले मौसम यानी बारिश से निपटने के लिए आपको छतरी या बरसाती रखनी चाहिए. चारधाम मार्ग में स्वास्थ्य सेवाएं दुरुस्त हैं, लेकिन फिर भी यात्रा शुरू करने से पहले मेडिकल चेकअप करवा लेना चाहिए.

तीर्थयात्रियों को ज़रूरी दवाएं और फर्स्ट एड बाक्स भी अपने पास रखना चाहिए. वहीं दमा, हृदयरोगी, ब्लडप्रेशर के मरीजों के लिए चारधाम यात्रा खतरनाक साबित हो सकती है, इसलिए ऐसे मरीजों को डॉक्टर की सलाह से ही यात्रा करनी चाहिए.

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