रायपुर | छत्तीसगढ़ की सियासत में एक नई हलचल देखने को मिली है.  आदिवासी नेता अरविंद नेताम के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) मुख्यालय में अतिथि के रूप में आमंत्रित किए जाने पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.  उन्होंने कहा, “मुझे आश्चर्य हो रहा है कि अरविंद नेताम को आरएसएस मुख्यालय में अतिथि क्यों बनाया गया.  मैं उनसे बात कर यह जानने की कोशिश करूंगा कि वे आरएसएस में शामिल हो रहे हैं या एक वरिष्ठ आदिवासी नेता के तौर पर भाषण देने जाएंगे हैं.”

महंत ने संकेत दिए कि नेताम के राजनीतिक फैसलों को लेकर स्पष्टता जरूरी है.  उन्होंने कहा, “अरविंद नेताम अगर पार्टी छोड़कर चले भी गए तो इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी. उन्होंने पहले भी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से चुनाव लड़ा था और फिर कांग्रेस में लौट आए.  ऐसे नेताओं को बीजेपी में नहीं जाना चाहिए.  मैं उनसे अनुरोध करूंगा कि वे भाजपा में न जाएं.”

आदिवासी मुद्दों की लड़ाई और RSS से जुड़ाव पर सवाल

महंत ने आगे कहा, “नेताम साहब आदिवासी समाज के लिए लंबे समय से लड़ते आ रहे हैं.  इसलिए अगर वे आरएसएस में शिक्षा या अन्य किसी उद्देश्य से गए हैं तो इस पर भी उनसे बात करूंगा. “

ऑपरेशन सिंदूर पर भी दिया बयान

डॉ. महंत ने भाजपा के “ऑपरेशन सिंदूर” अभियान पर भी निशाना साधा.  उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर एक हद तक सही था, क्योंकि हमारे शहीदों की पत्नियों को न्याय दिलाना ज़रूरी था.  लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह कहना कि ‘मेरे रगों में खून नहीं, गरम सिंदूर दौड़ रहा है’ यह हास्यास्पद है. “

उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “अगर भाजपा को सिंदूर से इतना ही प्रेम है, तो अपने मंत्रियों से कहे कि वे रोज़ सिंदूर लगाकर आएं.  इसमें क्या तकलीफ है?”