चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस में सीएम चेहरे के लिए घमासान जारी है. चरणजीत सिंह चन्नी और नवजोत सिद्धू इसके लिए लगातार दावा ठोंक रहे हैं. अलग-अलग मौकों पर मौजूदा सीएम चन्नी और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सिद्धू ने खुद को सीएम पद का दावेदार बताया है. ये बात आलाकमान के लिए भी गले का फांस बन गई है. इसी विवाद और मतभेद को देखते हुए कांग्रेस ढाई-ढाई साल के लिए दोनों को सीएम पद के लिए प्रोजेक्ट कर सकती है. इसमें चरणजीत सिंह चन्नी और पंजाब कांग्रेस के चीफ नवजोत सिंह सिद्धू को ढाई-ढाई साल के लिए CM का चेहरा बनाया जा सकता है. अगर कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में जीत मिलती है, तो पहले सीएम की कुर्सी पर कौन बैठेगा, ये विजयी विधायक करेंगे. दरअसल, पंजाब चुनाव में वोट बैंक का गणित ऐसा है कि कांग्रेस किसी एक का नाम लेकर रिस्क नहीं ले सकती.

 

6 फरवरी को लुधियाना की रैली में राहुल गांधी करेंगे सीएम फेस का ऐलान

पंजाब में कांग्रेस के मुख्यमंत्री चेहरे की घोषणा 6 फरवरी को होगी. इसके लिए लुधियाना में बड़ी रैली की जा रही है, जिसमें राहुल गांधी भी शामिल होने आ रहे हैं. सीएम फेस की दौड़ में मौजूदा सीएम चरणजीत सिंह चन्नी सबसे आगे चल रहे हैं. उनके साथ नवजोत सिंह सिद्धू भी सीएम चेहरे के दावेदार हैं और अपना दावा हर मंच पर ठोंकते भी रहे हैं. इधर सुनील जाखड़ ने भी अपने बयानों से सनसनी मचा दी है और एक तरह से उन्होंने भी सीएम चेहरे के लिए अपनी दावेदारी ठोकी है. सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने भी बुधवार को रोपड़ में वर्करों के साथ मीटिंग में कहा कि राहुल गांधी 6 फरवरी को मुख्यमंत्री चेहरे का ऐलान करेंगे. कांग्रेस में सीएम चन्नी का दबदबा बढ़ रहा है.

पंजाब में 6 फरवरी को हो सकती है सीएम फेस की घोषणा, लुधियाना की रैली में राहुल गांधी करेंगे ऐलान, चरणजीत चन्नी का नाम सबसे आगे

 

पंजाब में वोटों का गणित

चरणजीत सिंह चन्नी को CM चेहरा नहीं बनाने पर कांग्रेस को सीधे 32% दलित वोट बैंक का नुकसान होगा. अगर कांग्रेस ने चन्नी का साथ छोड़ा, तो दलितों के बीच गलत मैसेज जाएगा. इससे लगेगा कि कांग्रेस ने चन्नी को सिर्फ वोट बटोरने के लिए ही कामचलाऊ CM बना रखा था. कांग्रेस अभी चन्नी के 111 दिन के कामकाज पर ही वोट मांग रही है. इससे पहले साढ़े 4 साल की सरकार वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह भाजपा के साथ गठजोड़ कर चुके हैं. अगर चन्नी ही चेहरा नहीं होंगे तो कांग्रेस किस आधार पर वोट मांगेगी.

 

सिद्धू को नाराज करने का रिस्क नहीं ले सकती है कांग्रेस

वहीं पंजाब में नवजोत सिद्धू कांग्रेस के लिए बड़ा चेहरा हैं. सिद्धू पर दांव खेलकर ही कांग्रेस ने कैप्टन अमरिंदर सिंह से CM की कुर्सी छीन ली. सिद्धू के कहने पर ही कई सीटों पर टिकटें दी गईं. नवजोत सिद्धू को नजरअंदाज कर पंजाब में सीधे 19% जट्‌टसिख वोट बैंक का नुकसान होगा. कांग्रेस यह संदेश नहीं देना चाहती कि वह पंजाब में सिर्फ दलितों पर ही दांव खेल रही है. इससे 69 सीटों वाले सबसे बड़े मालवा क्षेत्र में कांग्रेस का बड़ा नुकसान होगा. इसके साथ ही कांग्रेस को ये भी डर है कि अगर सिद्धू CM चेहरा न बने, तो वह अचानक कोई ऐसा कदम उठा सकते हैं, जिससे बीच चुनाव में कांग्रेस के लिए मुश्किल हो जाएगी. सिद्धू पहले भी DGP और एडवोकेट जनरल न बदलने के मुद्दे पर इस्तीफा देकर सबको चौंका चुके हैं. हालांकि बाद में उन्होंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया था. ऐसे में पार्टी को चुनाव में नुकसान होगा और विरोधी भी इस मुद्दे को खूब भुनाएंगे.

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सुनील जाखड़ के बयान पर भी राजनीति गर्म

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने बुधवार को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ के बयान पर कांग्रेस को घेरा और लोकतंत्र के नाम पर कांग्रेस आलाकमान द्वारा की गई कथित धोखाधड़ी को लेकर पार्टी की आलोचना की. शिअद ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ के उस बयान पर निशाना साधा, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें अधिकतर पार्टी विधायकों के समर्थन के बावजूद मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया. शिअद ने कहा कि इससे कांग्रेस की चुनावी धोखाधड़ी का पदार्फाश हो गया है.

 

शक्ति एप के जरिए कार्यकर्ताओं का फीडबैक, इंटरैक्टिव वॉयस रिस्पॉन्स सिस्टम के जरिए भी ली जा रही राय

पंजाब में सीएम चेहरे के लिए कांग्रेस 3 तरह से फीडबैक ले रही है. पहले इसकी शुरुआत कांग्रेस के इंटरनल एप शक्ति के जरिए की गई. इसमें पंजाब के कार्यकर्ताओं से राय मांगी गई. अब कांग्रेस पंजाब के लोगों को इंटरैक्टिव वॉयस रिस्पॉन्स सिस्टम के जरिए कॉल कर रही है. वहीं हाईकमान के प्रतिनिधि प्राइवेट स्तर पर भी कॉल कर पंजाब के नेताओं से फीडबैक ले रहे हैं. पंजाब में सीएम की कुर्सी के लिए चरणजीत चन्नी और पंजाब कांग्रेस चीफ नवजोत सिद्धू के बीच मुकाबला है. तीसरा ऑप्शन बिना सीएम चेहरे के चुनाव लड़ने का है. सूत्रों की मानें तो सिद्धू के मुकाबले चन्नी इस दौड़ में काफी आगे हैं. चन्नी लंबे समय से कांग्रेस के साथ जुड़े हैं. पंजाब विधानसभा में विपक्षी दल के नेता भी रह चुके हैं. इसके अलावा कई विधायक भी यह बात कह रहे हैं कि चन्नी के सीएम फेस रहते उनकी जीत के अच्छे चांस हैं.